अपने दोषों को स्वयं देखने वाला ही मुक्ति पा सकता है: श्याम बाबा
विजय पार्क में हुआ सत्संग का आयोजन
खैरथल (हीरालाल भूरानी ) अपने दोषों को स्वयं देखने वाला ही मुक्ति पा सकता है। दूसरों के दोष देखते - देखते जिन्दगी निकल जाएगी, लेकिन कल्याण उन्ही जीवों का हुआ है जिन्होंने अपने दोष,गल्ती और भूलों का प्रायश्चित कर स्वयं को सुधारा है। बाबा आयाराम साहेब दरबार सरदार नगर अहमदाबाद के गद्दी नशीन संत जीवण राम उर्फ श्याम बाबा ने विजय पार्क में आयोजित सत्संग समारोह में यह बात कही। उन्होंने कहा कि परमात्मा की दृष्टि हमेशा नासा पर होती है।खुली आंखें राग का प्रतीक है। बंद आंखें द्वेष का प्रतीक है। सत्संग समारोह में कस्बे के सैकड़ों श्रद्धालुओं ने श्याम बाबा के प्रवचन सुने। सत्संग समारोह के समापन के बाद उपस्थित श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।