अस्पताल में मरीजों को दवा और जांच मुफ्त सुविधा का लाभ उपलब्ध कराने के निर्देश एन पी ए लेकर प्रेक्टिस कर रहे चिकित्सकों पर होगी सख्ती
खैरथल ( हीरालाल भूरानी )
खैरथल - तिजारा जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अरविन्द गेट ने कहा कि एन पी ए लेकर प्रेक्टिस कर रहे चिकित्सकों पर अब सख्ती बरती जाएगी। क्लिनिकल प्रैक्टिस करते हुए पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में सी एच सी और पी एच सी पर कार्यरत डॉक्टरों को निर्देशित किया गया है। कार्रवाई के साथ एन पी ए ले रहे डॉक्टर के नाम की अस्पतालों में लिस्ट भी लगाई जाएगी।
निदेशक ( जन स्वास्थ्य) चिकित्सा एवं स्वास्थ्य जयपुर की ओर से जारी आदेश की पालना में एन पी ए लेने वाले चिकित्सक क्लिनिकल प्रैक्टिस करते पाए जाते हैं तो संबंधित संयुक्त निदेशक,सी एम एच ओ व पी एम ओ नियमानुसार कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे। निर्देशों की पालना नहीं करने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ निदेशालय की ओर से कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार अभी डाक्टरों को बेसिक सैलरी का 20 फीसदी राशि एन पी ए के रूप में देती है। इसके बाद भी अगर कोई मरीज डॉक्टर के घर या क्लिनिक पर आता है तो उस डाक्टर को मरीज को फ्री में परामर्श देना होगा। अपनी पर्ची पर निःशुल्क परामर्श की सील लगानी होगी।
सी एम एच ओ अरविंद गेट ने बताया कि किसी भी चिकित्सक द्वारा ओ पी डी समय में मरीज को देखते वक्त अस्पताल से बाहर की दवा एवं जांच लिखने पर भी कार्रवाई की जाएगी।इसको लेकर समय - समय पर मानिटरिंग भी होगी और ऐसे चिकित्सकों को चिन्हित भी किया जाएगा।जिसकी सूचना उच्च अधिकारियों को भी भेजी जाएगी।
हर दिन मिल रही शिकायतें -
गेट ने बताया कि सरकारी सेवा में कार्यरत कोई भी चिकित्सक एन पी ए ले सकता है। लेकिन इसके बाद आचरण नियमों के चलते वह क्लिनिकल प्रैक्टिस नहीं कर सकता है। यानी ऐसे चिकित्सक क्लिनिक में फीस लेकर मरीजों को नहीं देख सकते हैं और देखते भी है तो फीस नहीं ली जा सकती हैं।नाॅन प्रैक्टिस अलाउंस चिकित्सक अपनी सुविधा के लिए लेते हैं। अगर कोई भी चिकित्सक एन पी ए लेने के बाद भी क्लिनिकल प्रैक्टिस करेगा तो विभाग ने इसे आचरण नियमों के विरुद्ध माना है, ऐसे चिकित्सकों पर कार्रवाई की जाएगी।