49 बरस बीते, खत्म न हुआ क्रमोन्नति का इंतजार
मेहरू कला /अजमेर / बृजेश शर्मा
छात्र संख्या के अनुरूप ही प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों को क्रमोन्नत करने के राज्य सरकार के दावों के बावजूद क्षेत्र में उच्च प्राथमिक स्तर के विद्यालय को क्रमोन्नत नही किया जा रहा है।
ऐसा ही उदाहरण है अजमेर जिले के राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय मेहरू कलाँ का है, इस विद्यालय की स्थापना 12 जनवरी 1953 को हुई ,उस वक्त 8 छात्राओ का नामांकन किया गया, जब विद्यालय प्राथमिक से उच्च प्राथमिक विद्यालय में क्रमोन्नत हुए19 साल हो गए क्रमोन्नत के 49 साल निकल जाने के बाद भी विद्यालय उच्च प्राथमिक विद्यालय से माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत नही हो पाया,जब विद्यालय प्राथमिक से उच्च प्राथमिक विधालय में क्रमोन्नत हुआ
उस दरमियान छात्र संख्या 100 से अधिक थी जो आज 275 के पार है, जब की गांव में और भी विद्यालय है, वहाँ छात्राओं का अनुपात भी अच्छा है यहां के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में 168 छात्राएं अध्धयन रत है। यदि विद्यालय क्रमोन्नत होता है तो छात्र संख्या का अनुपात बढ़ेगा, विगत 49 वर्षों से विद्यालय क्रमोन्नत के इंतजार में बाट जोह रहा है।
छात्र संख्या के अनुरूप ही प्राथमिक विद्यालयों को क्रमोन्नत करने के राज्य सरकार के दावों के बावजूद क्षेत्र का उच्च प्राथमिक स्कूल 49 वर्ष से क्रमोन्नति की इंतजार में हैं और इनमें छात्रा संख्या भी काफी अधिक है।
विद्यालय व ब्लाक शिक्षा अधिकारी कार्यालय की ओर से विद्यालयों को क्रमोन्नत करने के प्रस्ताव भेजे जाते हैं। लेकिन इनमें से अधिकांश प्रस्तावों को नजर अंदाज किया जाता है। भाजपा का शासन हो या कांग्रेस दोनो ही दलों द्वारा विद्यालय क्रमोन्नत करने की, सिफारिशों को भी नजर अंदाज किया जाता रहा है, गांव में बालिका विद्यालय क्रमोन्नत नहीं होने से अभिभावकों द्वारा अधिकांश बच्चीयों को विद्यालय से पढ़ाई छुड़वा दी जाती है, या प्राइवेट घर बैठकर पढ़ाई करवाई जाती है, जिससे छात्राओ का मनोबल गिर जाता है,जो भविष्य की राह में रोड़ा बना हुआ है, जब की यह विद्यालय क्रमोन्नत होने के मापदंड पूरा कर रहा है,, ग्रामीणों ने शीघ्र ही विद्यालय क्रमोन्नत किये जाने की मांग की है।