ग्रामपंचायत बद्रीपुर के खाते से 65 लाख निकाल कर धोखाधड़ी कर गबन करने के आरोपी तत्कालीन सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी को एसीजेएम ने भेजा जेल
भरतपुर जिले की ड़ीग थाना पुलिस ने ग्राम पंचायत बद्रीपुर के खाते से 65 लाख रुपये निकाल कर धोखाधड़ी कर गबन करने के आरोप में गिरफ्तार पृर्व सरपंच बारिस पुत्र इदरीश मेव निवासी भीलमका और ग्राम विकास अधिकारी जगत सिंह को दो दिन का पुलिस रिमांड पूरा होने के बाद शनिवार को न्यायालय में पेश किया । जंहा ए सी जे एम पवन कुमार जीनवाल ने दोनों आरोपी पृर्व सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया।
अनुसंधान अधिकारी एसआई फत्ते लाल ने ग्राम पंचायत बद्रीपुर के खाते से संयुक्त रुप से 65 लाख 79 हजार 712 रुपये की राशि निकाल कर धोखाधड़ी कर गबन करने के आरोप में पृर्व सरपंच बारिस मेव औऱ ग्राम विकास अधिकारी जगत सिंह को 25 मई की देर साँय गिरफ्तार किया था।
गौरतलब है कि पंचायत समिति ड़ीग की तत्कालीन विकास अधिकारी दीपाली शर्मा के निर्देश पर पंचायत प्रसार अधिकारी राजेंद्र शर्मा ने पुलिस में 18 मॉर्च 2020 को दर्ज प्राथमिकी में पंचायत समिति ड़ीग की ग्राम पंचायत बद्रीपुर के पृर्व सरपंच वारिस पुत्र इदरीस मेव और ग्राम विकास अधिकारी जगत सिंह के खिलाफ ग्राम पंचायत बद्रीपुर के बैंक खाते से संयुक्त रूप से 6579712 रुपये निकाल कर उनका इंद्राज ग्राम पंचायत की कैश बुक में ना कर धोखाधड़ी कर गबन कर लेने का आरोप लगाया था। पुलिस में दर्ज प्राथमिकी में बताया गया था की नए सरपंच के चुनाव से करीब 3 महीने पहले आरोपी सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी ने ग्राम पंचायत के खाते से निकाली गई उक्त राशि का कोई हिसाब नहीं दिया है। और ना ही रिकॉर्ड प्रस्तुत किया है। जबकि विकास अधिकारी ड़ीग द्वारा इस संबंध में उन दोनों को इस दौरान कई बार नोटिस दिए गए। साथ ही ग्राम विकास अधिकारी जगत सिंह तो तभी से ड्यूटी पर गैरहाजिर चल रहा था जबकि इसको लेकर विकास अधिकारी द्वारा उसकी गैर हाजरी की सूचना अखबारों में प्रकाशित कर उसे हाजिर होने के लिए पाबंद किया गया था। पुलिसअनुसंधान अधिकारी लाल ने जांच के बाद बताया है कि सरपंच वारिस द्वारा अवैधानिक रूप से ग्राम पंचायत के खाते से 10 लाख रुपये तथा ग्राम विकास अधिकारी जगत सिंह द्वारा 15 लाख रुपये अपने खातों में ट्रांसफर कर गबन किये है। उन्होंने बताया की दोनों आरोपी 18 मार्च 2000 से ही फरार चल रहे थे।
- रिपोर्ट - पदम जैन