Alwar: सरिस्का के जंगलो मे पिछले 36 घंटे से लगीं आग,धधकी आग की वजह से गांवों की ओर भाग रहे जानवर
सरिस्का टाइगर रिजर्व के अकबरपुर रेंज के जंगल में लगी भीषण आग बालेटा नार सक्ती, अमन की बेरी, कटी घाटी ,कला कड़ी के वन क्षेत्र में भीषण आग करीब तीन-चार किलोमीटर क्षेत्र में लगी आग इसी क्षेत्र में बाघिन एसटी 17 उसके शांवको का है मोमेंट जिला प्रशासन आपदा प्रबंधक वन विभाग और स्थानीय ग्रामीण जुटे आग पर काबू पाने में लेकिन दिन में चल रही तेज हवाओं के चलते और तेजी से बढ़ती आग खुद फील्ड डायरेक्टर रूप नारायण मीणा डिएफओ सुदर्शन शर्मा मौके पर लेकिन आग इतनी भीषण है कि हेलीकॉप्टर से ही उस पर काबू पाना होगा मुमकिन
वन विभाग की टीम देर रात तक पहाड़ों पर रही और फायर लाइन की मदद से आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया। अधिकारियों ने बताया कि रात भर आग जंगल के करीब 50 हेक्टेयर में फैल गई। अब भी कुछ हिस्सों में आग लगी है। इस पर काबू भी पाया जा रहा है। सूचना मिलने पर क्षेत्र के निदेशक आरएन मीणा व डीएफओ सुदर्शन शर्मा भी मौके पर पहुंचे
राजस्थान के अलवर जिले के प्रशिद्ध सरिस्का बाघ अभ्यारण के पृथ्वीपुरा-बालेटा गांव के जंगल के पहाड़ों में बीती रात आग लग गई। देखते ही देखते कई किलोमीटर क्षेत्र में फैल गई। आग लगने की जानकारी मिलते ही सिविल डिफेंस की फायर ब्रिगेड टीम मौके पर पहुंची और ग्रामीणों की मदद से 8 घंटे की मशक्कत के बाद इस पर काबू पा लिया गया
लेकिन सोमवार दोपहर शाम को एक बार फिर से पहाड़ों की शिखर पर आग लग गई। जिसने 24 घंटों में छोटी सी आग ने कई किलोमीटर तक पहाड़ों को अपनी आगोश में ले लिया। यह आग इतनी भयावह है कि इसके गांव, नया गांव, प्रतापपूरा पृथ्वीपुरा, बालेटा और भाट्याला गांव तक में फैलने का खतरा बढ़ गया है।
- धधकी आग की वजह से गांवों की ओर भाग रहे जानवर
सरिस्का के पहाड़ों में धधकी आग की वजह से जानवर भी परेशान हो गए हैं और गांवों की ओर भाग रहे हैं। जानवरों के गांवों की ओर रूख करने के बाद प्रशासन अलर्ट हो गया है। पुलिस की टीम गांवों में जानवरों के आने की घोषणा करते हुए लोगों को घरों में रहने की सलाह दे रही है।
सरिस्का के वन संरक्षक एवं क्षेत्र निदेशक आर एन मीणा ने कहा कि अकबरपुर रेंज में पृथ्वीपुरा बालेटा के नाका के आसपास के सूखी घास और पौधों में अज्ञात कारणों से आग लगने के कारण कई किलोमीटर इलाके में आग लग चुकी है। इस दुर्घटना के कारण वन्यजीवों के आवासों को भी क्षति हुई है। वन्य जीव गांवों और शहरों की ओर भाग रहे हैं। आग और धुएं के कारण मधुमक्खियां इधर-उधर उड़ रही हैं और अधिकारियों पर हमला कर रही हैं। मधुमक्खियों के हमलों के कारण अधिकारियों को जंगल की आग बुझाने में परेशानी आ रही है। उन्होंने बताया कि जंगल की आग बुझाने के लिए हेलिकॉप्टर की मांग गई है।
- सेना के हेलिकॉप्टर्स बुझा रहे आग
सरिस्का में भीषण आग को बुझाने के लिए सेना के 2 हेलिकॉप्टर की मदद ले रहे हैं। ये सिलिसेड झील से पानी एयरलिफ्ट कर और सरिस्का के आग प्रभावित इलाको में ऊपर से पानी डालकर बुझा रहे है। गांव के लोगों से सतर्क रहने के लिए कहा जा रहा है।
नायब तहसीलदार खेमचंद सैनी ने बताया कि कानूनगो से मिली रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार सुबह तक 10 किलोमीटर से ज्यादा एरिया में आग फैल चुकी है रविवार को बालेटा पृथ्वीपुरा नाका स्थित पहाड़ियों में आग लग गई थी। इसके बाद रविवार रात करीब 8 बजे से ही वन कर्मियों और ग्रामीणों की मदद से आग पर काबू पाने का प्रयास किया जा रहा है।
लेकिन, अब तक आग पर काबू नहीं पाया गया। सोमवार शाम आग का फैलाव नारंडी, रोटक्याला और बहेड़ी तक हो गया है। सरिस्का डीएफओ सुदर्शन शर्मा का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण चढ़ने में परेशानी आ रही है। आग बुझाने में जुटे लोगों के लिए पानी पहुंचाया जा रहा है। आग से करीब 150 हेक्टेयर जंगल जल चुका है । आग वाले हिस्से में 500 से 1000 मीटर दूर पर फायर लाइन बनाई गई है।
अलवर का सरिस्का जंगल में पिछले 36 घंटे से लगी आग और विकराल होती जा रही है। आग जंगल के 10 किलोमीटर से अधिक के एरिया में फैल चुकी है। इधर , आग काबू नहीं आने की वजह से वन विभाग के अधिकारियों के हाथ – पांव फूल गए हैं। आग जंगल के जिस हिस्से में तेजी से बढ़ रही है
वहां कई टाइगरों की मौजूदगी है। आग बुझाने के लिए अब हेलिकॉप्टर व एरियल लिफ्ट फायर ब्रिगेड के लिए मदद मांगी गई थी। इसके बाद मंगलवार सुबह हेलीकॉप्टर पहुंचा और सर्वे पूरा किया। अधिकारियों ने बताया कि अब हेलिकॉप्टर की मदद से पानी एयरलिफ्ट कर आग बुझाने का प्रयास किया जाएगा। सरिस्का व अलवर की तीन रेंज का स्टाफ और ग्रामीणों सहित 200 से ज्यादा लोग आग बुझाने में लगे हैं। सेना से भी मदद मांगी गई है। सरिस्का के कई गांवों को भी खाली कराया गया है।