अलवर के नए कलक्टर नकाते शिव प्रसाद मदन आज सुबह 10 बजे बाद कार्य भार संभालेंगे
जानकारों का कहना है कि नकाते एक अच्छे अफसर हैं। ग्राउंड पर काम करने में विश्वास रखते हैं। खुद गांव देहात के रहने वाले हैं। इसलिए गांव से लेकर शहरों की तस्वीर व बदलाव और जरूरतों को बखूबी समझते हैं। शुरू से हाेनहार रहे हैं। तभी तो तीन बड़ी नौकरी ज्वाइन नहीं की। इसलिए कि उनको सिर्फ आईएएस बनना था...
अलवर के नए कलक्टर नकाते शिव प्रसाद मदन सोमवार को सुबह 10 बजे बाद कार्य भार संभालेंगे। रविवार को मौजूदा कलक्टर नन्नूमल पहाड़िया के कार्य का बतौर कलक्टर आखिरी दिन है। आगे तीन महीने बाद सरकारी सेवा से मुक्त होंगे। फिर भरतपुर के अपनाघर आश्रम में नि:शुल्क सेवाएं देने का उनका मन है, ताकि आगे जरूरतमंद के लिए कार्य करते रहें।
नकाते जैसे अफसर की जरूरत
जानकारों का कहना है कि नकाते एक अच्छे अफसर हैं। ग्राउंड पर काम करने में विश्वास रखते हैं। खुद गांव देहात के रहने वाले हैं। इसलिए गांव से लेकर शहरों की तस्वीर व बदलाव और जरूरतों को बखूबी समझते हैं। शुरू से हाेनहार रहे हैं। तभी तो तीन बड़ी नौकरी ज्वाइन नहीं की। इसलिए कि उनको सिर्फ आईएएस बनना था। वहीं उन्होंने किया। अब आईएएस के रूप में कई जिलों के कलक्टर रह चुके हैं। पहली बार अलवर में बतौर कलक्टर आएंगे। वर्ष 2011 के आईएएस नकाते भीलवाड़ा, श्रीगंगानगर और बाड़मेर कलक्टर रह चुके हैं।
गांव, खेती, परिवेश की बखूबी समझ
नकाते महाराष्ट्र के सोलापुर के माडा गांव के रहने वाले हैं। ठेट गांव में पढ़े लिखे। बेहद साधारण किसान परिवार से हैं। गांव में खेती-बाड़ी तक की है। अब भी खेती करना बखूबी समझते हैं। ग्रामीण परिवेश हो या शहरी। सबको भलीभांति समझते हैं।
अलवर में चुनाैतियां खूब
असल में अलवर में अपराध ही नहीं बल्कि प्रशासनिक लिहाज से भी चुनौतियां खूब है। सरकारों की निगाह में रहने वाला अलवर जिला है। यहां इंडस्ट्री अधिक हैं। श्रमिक भी खूब हैं। विकास के कई बड़े प्रोजेक्ट हैं। दिल्ली व जयपुर के बीच में अलवर है। सरिस्का अभ्ययाण्य है। 11 विधानसभा क्षेत्र वाला अलवर बड़ा जिला है। साम्प्रदायिक सौहार्द का मसला भी रहता है।