पौख में प्राचीन बावड़ी वाले बालाजी महाराज का वार्षिक मेला भरा
मेले में कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें दूरदराज के पहलवानों ने हिस्सा लिया। मेला समिति द्वारा पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी ने कुश्ती प्रतियोगिता का शुभारंभ किया गया। 2100 रुपए की अंतिम कुश्ती प्रतियोगिता में राकेश पापड़ा ने दिलीप कांकरिया को पछाड़कर खिताब जीता
उदयपुरवाटी / बाघोली (सुमेर सिंह राव)
पौख में जयराम दास महाराज की बगीची में स्थित प्राचीन बावड़ी वाले बालाजी महाराज का वार्षिक मेला हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी धूमधाम से भरा। मेला समिति ने बताया कि 200 वर्ष पूर्व से यह मेला लगातार भरता आ रहा है। मेले में बाहर से आने वाले दुकानदार एवं मेहमानों के लिए भंडारे की व्यवस्था मेला समिति द्वारा की जाती है। मेले की संपूर्ण व्यवस्था में ग्राम पंचायत सहित ग्रामवासियों का सराहनीय सहयोग रहा। मेले में महिलाओं, पुरुषों और बच्चों ने जमकर खरीदारी की तथा मेले का लुफ्त उठाया। मेले में कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें दूरदराज के पहलवानों ने हिस्सा लिया। मेला समिति द्वारा पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी ने कुश्ती प्रतियोगिता का शुभारंभ किया गया। अंतिम कुश्ती 2100 रुपए की राकेश पापड़ा व दलीप कांकरिया के मध्य हुई। जिसमें रोमांचक मुकाबला दिखाते हुए राकेश पापड़ा ने दलीप कांकरिया को पछाड़कर खिताब जीता। कुश्ती दंगल के कोच बजरंग पहलवान एवं उपसरपंच प्रतिनिधि लक्ष्मण सिंह शेखावत रहे। 21 सौ रुपए राशि की अंतिम कुश्ती समाजसेवी लोकेंद्र सिंह शेखावत द्वारा करवाई गई। पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी व मेला समिति द्वारा कुश्ती प्रतियोगिता में विजेता पहलवानों को इनाम की राशि भेंट की गई। मेले में तीन मिकी माउस झूले, तीन बड़े झूले, तीन नाव के झूले, झूले जंपिंग झूले एवं काफी दुकानें सजाई गई। मेले में दीपेंद्र सिंह इंद्रपुरा, सरपंच प्रतिनिधि राजेंद्र शेरावत, समाजसेवी लोकेंद्र सिंह शेखावत, बजरंग पहलवान, पूर्व सरपंच मूलचंद सैनी, संग्राम सिंह, पूर्व उपसरपंच नरेंद्र सिंह, ताराचंद गुर्जर, विनोद सोनी, रामसिंह शेखावत, जयसिंह शेखावत, मनदीप सिंह, जितेंद्र सिंह, राजू हलवाई, राजवीर सिंह, विनोद कुमावत, पूर्व पंच भोलाराम, मोनू सिंह, नरपत सिंह, छाजू गिराटी, जेपी खटाणा किशोरपुरा, देवी सिंह गुर्जर, जय सिंह शेखावत, राजवीर सिंह शेखावत आदि का व्यवस्था बनाए रखने में सराहनीय सहयोग रहा। कार्यक्रम के दौरान काफी संख्या में महिला एवं पुरुष मौजूद रहे।