सूरतगढ़ में कुंडों पर बाबा भोले नाथ अपने चमत्कारों से भक्तों की करते है मनोकामना पूरी
थानागाजी (अलवर, राजस्थान) धार्मिक तपोभूमि ग्राम सूरतगढ़ में पहाड़ी की तलहटी में बने शांति आश्रम व कुंडों का स्थान जहाँ अनेको सिद्ध पुरुष साधु संतों ने तपस्या की है,गांव के बुजुर्ग बताते है कि एक रात में भानगढ़ खाली हो गया था उसी दौरान भानगढ़ से सूरतसिंह के साथ बहुत से परिवार यहाँ तीनो और से घिरी खाली जगह देख यहाँ सुरतगढ़ को बसाया था,यहां की बसावट के साथ ही देवी देवताओं की मूर्तियां आदि इसके स्पष्ट प्रमाण को बताती है।ग्रामीण बुजुर्ग बताते है भूतों की नगरी के नाम से जाने जाने वाले भानगढ़ के उजड़ हो जाने से यहाँ आकर बसे राजा सूरतसिंह ने पहाड़ की तलहटी में 2 पुरुष कुंड व एक महिला कुंड के निर्माण के साथ ही भगवान आशुतोष बाबा भोले के शिवलिंग सहित परीवार की स्थापना करवाई थी,बताते है कि कुण्डों पर स्थापित शिवलिंग की पूजा भानगढ़ की रानी रत्नावती अपने महल के गर्भगृह में करती थी,पर्दा प्रथा के चलते रानी एव अन्य राजपुत महिलाये बाहर नही जा सकती थी अतः वे पूजा महल में ही करती थी,भानगढ़ के उजड़ने के बाद राज परीवार से सूरतसिंह के साथ कुछ परीवार यहाँ आकर सूरतगढ़ को बसाया था उसी दौरान भानगढ़ से लाये गए इस शिव लिंग की मय शिव परीवार कुण्डों पर स्थापित किया गया था,बताते है कि सूरतगढ़ कुंडों पर स्थापित बाबा भोलेनाथ चमत्कारेश्वर महादेव के नाम से प्रसिद्ध है,सावन मास में विशेष पूजा अर्चना अभिषेख की जाती है,ग्राम सूरतगढ़ सहित आस पड़ोस के अनेको गांव ढाणियों,कस्बो से लोग पहुंच पूजा अर्चना कर मन्नत मांगते है,सच्चे मन से जो भी बाबा भोलेनाथ का अभिषेख पूजा अर्चना करते है भगवान शिव कभी निराश नही करते उसकी हर मन्नत मनोकामना पूरी करते है।
रिपोर्ट :--बीएस पारीक थानागाजी