वृद्धाश्रम और लाडली में भजन संध्या का आयोजन, मरीजों में फल वितरण और आश्रमों में कंबल बांटे
खैरथल,अलवर ( हीरालाल भूरानी)
श्रावण मास में उत्साह के साथ दान पुण्य के पर्व हरियाली अमावस्या पर डॉ लाल थदानी समाजसेवी वरिष्ठ जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ के जन्मदिन पर देशभर में गीत संगीत और जन्म कर कार्य संपन्न हुए । वृद्धाश्रम और में लाडली में भजन संध्या का आयोजन, निशुल्क चिकित्सा शिविर, मरीजों में फल वितरण और आश्रमों में कंबल बांटे ।
इंडिया इंटरनेशनल म्यूजिक लवर्स सोसायटी, अजमेर द्वारा सदस्यों ने सोसायटी के संस्थापक संरक्षक डॉ. लाल थदानी के नेतृत्व में शास्त्री नगर स्थित दृष्टिबाधित छात्राओं के 'लाड़ली घर' और जय अंबे सेवा समिति वृद्धाश्रम में भोजन प्रसादी, कंबल वितरण और भजन संध्या का आयोजन किया गया। सदस्यों ने ऑर्गन और ढोलक की धुन पर एक से बढ़कर एक भजन प्रस्तुत किए। वृद्धजनों ने के साथ भजनों को सुना समस्त सदस्यों ने पर भाव विभोर होकर नृत्य भी किया।
भजन संध्या में मीना खिलयानी ने बच्चे मन के सच्चे, डाॅ दीपा थदानी ने ए मालिक तेरे बन्दे हम, राजेश टेकचंदानी ने पायो जी मैने राम रत्न धन पायो, गोपेन्द्र पाल सिंह ने तेरा राम जी करेंगे बेडा, कमर जहाॅ ने तोरा मन दर्पण कहलाए, शकील खाॅन ने तेरे दर पे आया हूॅ कुछ करके, विजय कुमार शर्मा ने करते हो तुम कन्हैया और तू प्यार का सागर है, कमल शर्मा ने भगवान है कहाँ रे तू...,दीपक भार्गव ने शिरडी वाले साई बाबा, वीरेंद्र पाठक ने मन तड़पत हरी दर्शन को आज, लक्ष्मण हरजानी ने सुख दुखः दोनो रहते जिसमें जीवन है, लता शर्मा ने तुम्ही हो माता पिता तुम्ही हो, , मंजु टेकचंदानी ने ज्योत से ज्योत जगाते चलो, धर्मेंद्र श्रीवास्तव ने पिंजरे के पंछी रे तेरा दर्द ना जाये कोई,मंजु टेकचंदानी ने ज्योत से ज्योत जगाते चलो, नरेश रतनानी ने जैसे सुरज की गर्मी से जलते हुए , वंदना मिश्रा तेरे रोम रोम मे बसने वाले, , रानी चौधरी ने तूने मुझे बुलाया शेरावालिए,मंजु चैनानी ने इतनी शक्ति हमें देना दाता मन का, कुंजबिहारीलाल ने रूणीचे रा धणिया, रितु मोतीरमानी ने मंगल भवन अमंगल हारी, गणेश चौधरी ने हे दुखः भंजन मारूति नन्दन, हेमचन्द गहलोत ने मुझे तुमने दाता बहुत कुछ दिया, लता लख़्यानी ने ओम नमः शिवाय धुनी, , शरद शर्मा ने अरे द्वार पालों कन्हैया से कह दो, मीना कंजानी ने सत गुरू महर करो, श्याम पारीक ने मैली चादर ओड के कैसे, अशोक दरयानी ने जो तु मिटाना चाहे जीवन की तृष्णा, मनीष कोठारी ने बहुत दिन बीते, आज़ाद कुमार अपूर्व ने शिव शंकर को जिसने पुजा उसका ही उद्धार हुआ, हनीफ साहब ने हुसेन के प्यारे, रशिम मिश्रा ने लगन तुमसे लगा बैठे जो, नीरज मिश्रा ने रींगस के मोड़ पे, डाॅ लाल थदानी ने हे राम हे राम जग में सांचों तेरो नाम की शानदार प्रस्तुति दी। विजय कुमार शर्म ने मां पर लिखी कविता सुनाकर माहौल को भावुक कर दिया। स्वामी कृष्णानंद ने पीतांबरी ओढ़ाकर आशीर्वाद दिया । सरला शर्मा और अनूप गौड़ ,राकेश गौड़ ने धन्यवाद ज्ञापित किया ।