चचेरी बहन की संदिग्ध मौत के बाद जलती चिता में कूदा भाई: शत प्रतिशत जलने के बाद उपचार के दौरान उदयपुर में तौड़ा दम
भाई-बहन के इस अटूट प्यार को देखकर सबकी आंखे हो गई नम
युवक एक पर्ची छोड़ गया, जिसमें लिखा है- सभी को राम-राम, जो भी मैंने किया है, मेरी मर्जी से किया है। कोई कुछ भी कहे, वह सच नहीं है। सच में मेरा साथ चला गया। कोई किसी पर दबाव ना डाले, जिसकी वजह से पछताना पड़े।
गुरला (भीलवाडा, राजस्थान/ बद्रीलाल माली) आदिकाल में पति पत्नी के अटूट प्रेम के चलते पत्नी पति की चिता पर बैठ कर सती हुआ करती थी ऐसा प्रायः सुना और पढा भी था। मगर इस आधुनिक काल में ठीक इसके विपरित एक अनोखा मामला देखने को भी मिला हैं। जिसमें एक बहन की जलती हुई चिता में उसके चचेरे भाई ने कूद कर भाई बहन के अटूट और पवित्र रिश्ते का परिचय दिया हैं। वैसे तो भाई बहन का अटूट रिश्ता जन्मोंजनम तक निभाया जाने वाला रिश्ता होता हैं। ऐसे में भाई बहन के इस पवित्र रिश्ते में और ज्यादा प्रगाढ़ता एक बहन द्वारा बांधे जाने वाले रक्षासूत्र से बढ़ जाती हैं। जिसे भाई हर हाल में बहन की रक्षा की जिम्मेदारी निभाता हैं। मगर ये सब जीवन में जीते जी तो सम्भव होता हैं पर क्या कोई बहन के मरने के बाद भी अपने भाई बहन के अटूट प्रेम के चलते एक भाई अपना सबकुछ न्यौछावर कर अपनी जिंदगी को दांव पे लगा दे ऐसा तो बागोर क्षेत्र के माणकियास गांव में पहली बार देखने को मिला हैं। और वो भी इस आधुनिक काल में जी हाँ ऐसा ही एक वाकया देखने को मिला हैं जो भीलवाड़ा जिले की उपखण्ड माँण्डल क्षेत्र स्थित बागोर थानांतर्गत रहने वाले सुखदेव पिता भैरु लाल भील उम्र 21वर्ष की चचेरी बहन मीना की संदिग्ध मौत के बाद अंतिम संस्कार के दौरान का मामला था जहां मृतका बहन का हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार परिजन श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार कर रहे थे। इधर अंतिम संस्कार के दौरान परिजनों के साथ ही समाज के व गांव के अन्य लोग भी शामिल थे। बहन की मौत के बाद उसके बड़े पिता का लड़का चचेरा भाई सुखलाल अपनी बहन की मौत का सदमा सहन नहीं कर पाया और उसकी जलती चिता में कूद गया जिससे वह शतप्रतिशत जल गया जिसे परिजन भीलवाड़ा जिला अस्पताल में उपचार हेतु ले गए जहां उसने अपनी जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ी मगर हालत ज्यादा गंभीर होने से चिकित्सकों ने उसे देर शाम उदयपुर रेफर कर दिया जहां उपचार के दौरान सुखलाल ने 14 घण्टे की जिंदगी और मौत के बीच जंग के बाद मध्यरात्रि में दम तौड़ दिया।
- अंतिम संस्कार में मौजूद ग्रामीणों का कहना हैं-
बहन मीना कि मौत के बाद उसका अंतिम संस्कार किया जा रहा था जिसमें मौजूद ग्रामीणों के अनुसार अंतिम संस्कार के दौरान भाई सुखलाल उठकर आया और सबसे पहले बहन की जलती चिता के परिक्रमा करने के बाद एक पर्ची जेब से निकाली और उसे पत्थर के नीचे दबा के रख दी। और ज्वलनशील तेल अपने शरीर पर उड़ेल कर वह खुद भी बहन की जलती चिता में कूद गया। ये सबकुछ इतना अचानक घटित हुआ कि मौके पर अफरातफरी मच गई वही धूप के चलते दाग संस्कार में भाग लेने आए लोग दूर छांव में बैठे थे जो कि घटना को देख मौके की तरफ दौड़े और सुखलाल को बचाने का प्रयास करते हुए ग्रामीणों ने जैसे तैसे कर सुखलाल को जलती चिता से बाहर निकाला और जिला अस्पताल पहुँचाया।ग्रामीणों का कहना हैं कि भाई ने चिता में कूदने से पहले एक कागज की पर्ची पत्थर के नीचे दबा कर रखी थी। जिसको परिजनों के सामने पढ़ी तो उसमें लिखा था ।सभी को राम राम, जो भी मैंने किया हैं, मेरी मर्जी से किया हैं। कोई कुछ भी कहे, वह सच नहीं हैं। मेरा सच मैंरें साथ चला गया। कोई किसी पर दबाव ना डाले, जिसकी वजह से किसी को पछताना पड़े।
चचेरी बहन से बहुत प्यार करता था सुखदेव- परिजन
अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंचे परिजन हीरा लाल भील ने बताया कि सुखदेव अपनी चचेरी बहन मीना से बहुत प्यार करता था. मीना की मौत के बाद वह बुरी तरह से टूट गया था. मौत के बाद भी वह मीना को अकेला नहीं छोड़ना चाहता था शायद वह अपनी जिंदगी खत्म करने के लिए ही मीना की जलती चिता पर कूद गया होगा.
इधर बागोर पुलिस थानाधिकारी मोतीलाल मय का कहना हैं कि घटना की सूचना मिलने के बाद इस मामले की जानकारी जुटाने के लिए मय जाप्ता मौके पर पहुँचे। जहां घटना स्थल का जायजा लेकर बहन की मौत और भाई का चिता में कूदने को लेकर जानकारी जुटाई। जिसमें सामने आया कि बहन की संदिग्ध मौत के बाद परिजनों ने बिना पुलिस को सूचना दिए मृतका मीना का अंतिम संस्कार कर दिया था। उस दौरान उसके बड़े पिता का लड़का सुखलाल चचेरा भाई शरीर पर पेट्रोल उड़ेल कर चिता में कूद गया। जिसको गम्भीर हालत में उसके परिजन भीलवाड़ा अस्पताल ले गए वहां से देर शाम उसे उदयपुर रेफर किया गया था जिसकी इलाज के दौरान मध्यरात्रि को मौत हो गई । बागोर पुलिस मृतक सुखलाल का पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों को सुपुर्द करने हेतु उदयपुर गई हुई हैं।