जिला परिषद सदस्य पर जल उपयोक्ता संगम के अध्यक्ष पद पर रहते पद का दुरूपयोग करने के आरोप में मामला दर्ज
रायसिंहनगर (श्रीगंगानगर ,राजस्थान) जिला परिषद सदस्य व जल उपयोक्ता संगम के पूर्व अध्यक्ष द्वारा अपने पद का दुरूपयोग कर अपने पुत्रों व पुत्र- वधुओं को अनुचित लाभ पहुंचाने के आरोप में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेशों पर पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है। चक 83 आरबी निवासी प्रार्थीगण जगदीश, सुरेन्द्रसिंह भुल्लर, हनुमान प्रसाद , रामकुमार ने जल उपयोक्ता संगम के पूर्व अध्यक्ष व जिला परिषद सदस्य बन्तासिंह उर्फ मिठू सिंह पुत्र गुरदयालसिंह जाति जट सिख व उसके पुत्रों व पुत्र- वधुओं के खिलाफ परिवाद देकर आरोप लगाया है कि मुरब्बा नम्बर 238/268 में 21 बीघा कृषि भूमि राजस्व व सीसीए रिकार्ड के अनुसार बारानी है। उन्होने आरोप लगाया है कि उक्त कृषि भूमि को अप्रार्थयों के नाम से अलग अलग हिस्सों में राजस्व रिकार्ड में दर्ज है।
ग्रामिणों का आरोप है कि बन्तासिंह बराड़ जल उपयोक्ता संगम के अध्यक्ष रहते हुए अपने कार्यकाल के दौरान अपने पदीय क्रर्तवयों का उल्लंघन करते हुए सिंचाई विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों से सांठ-गांठ कर अपने दो पुत्रों व दोनों पुत्र वधुओं को लाभ पहुंचाने तथा परिवादियों को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से उक्त जमीन का सीसीए. चक प्लान तबदील कर उक्त कृषि भूमि को बारानी से नहरी करते हुए चक के कास्तकारों तथा चक के डिग्गी जोहड़ का पानी काटकर संबधित रकबा सिंचित कर लिया। पूर्व अध्यक्ष द्वारा अपना दोष छुपाने व इसका लाभ अपने परिजनों को निरन्तर जारी रखने के लिए न्यायालय में अपने पुत्र अंग्रेजसिंह के जरिये एक दावा पेश कर दिया। जिसकी जानकारी होने पर प्रार्थीगण उक्त दावा में पक्षकार बने तथा न्यायालय को तमाम सबूतों सहित अवगत करवाए जाने पर न्यायालय द्वारा उक्त प्रकरण को खारिज कर दिया।
उसके बाद पूर्व अध्यक्ष द्वारा फिर अपने दूसरे पुत्र अमृतपालसिंह से इसी न्यायालय में मिथ्या सबूतों एवं फर्जी दस्तावेजात के आधार पर एक दावा और करवा दिया। तो संबधित चक के काशतकारों ने उक्त भूमि के सम्बन्ध में सीसीए नकल प्राप्त कर उक्त रकबा रिकार्ड में बारानी होने के तमाम सबूत पेश करने पर सिंचाई विभाग व सिविल न्यायालय के आदेश के बाद उक्त भूमि के लिये जो पानी काटा गया था वह पुनः संबधितों को वितरण कर दिया गया है। तथा नयी पर्ची लागू की जा चुकी है। इस प्रकार पूर्व अध्यक्ष द्वारा अपने स्वयं तथा अपने परिजनों को अनुचित लाभ देना प्रमाणित होता है जो दण्डनीय अपराध है। जिसकी सूचना प्रार्थीगणों ने 22 जूलाई को थाना पुलिस थाना व पुलिस अधीक्षक को देने के बावजूद अप्रार्थी गणों पर मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। प्रार्थीगणों द्वारा न्यायालय में परिवाद पत्र पेश करने पर न्यायालय ने उक्त आरोपियों पर मामला दर्ज करने के निर्देश के बाद पुलिस द्वारा मामला दर्ज कर जांच सहायक उपनिरिक्षक रामकेर को सौंपी गई है।