ईआरसीपी को अटका रही है केन्द्र सरकार - इन्दल सिंह जाट
- भाजपा कर रहीं है गुमराह- आन्दोलन होगा तेज
वैर (भरतपुर, राजस्थान/ कौशलेंद्र दत्तात्रेय) पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों की गम्भीर पानी की समस्या के समाधान हेतु बनाई गई थी ERCP योजना जिसमें सिंचाई ' पेयजल और उद्योगो को पानी देने प्रस्तावित हुआ था। लेकिन केन्द्र सरकार की हठधर्मिता के कारण यह योजना वर्ष 2017 से खटाई में पड़ी हुई है। और केन्द्र सरकार और भाजपा लोंगो को गुमराह करने में लगी हुई है । गत दिन जोधपुर के सांसद और केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने बयान दिया है। कि अगर राज्य सरकार 75% निर्भरता पर पानी लेने की सहमति देती है तो केन्द्र सरकार 90 प्रतिशत धन राशी खर्च करने की तथा इसे राष्टीय परियोजना घोषित कर देगी । लेकिन केन्द्रीय मंत्री ने यह नहीं बताया कि 75% निर्भरता पर कितना पानी और किस उद्देश्य के लिये मिलेगा ।
ईआरसीपी के तहत 50 % निर्भरता पर पानी लेना प्रस्तावित है जिसमें राज्य के 80 विधानसभा श्रेत्रों तथा 13 जिलों की जनता को सिंचाई ' पेयजल और उद्योगों को पानी देने का लक्ष्य प्रस्तावित है लेकिन 75 % निर्भरता पर तो केवल 13 जिलों के लिये पीने का पानी ही मिल सकेगा । भाजपा और केन्द्र सरकार चुनाव नजदीक होने के कारण भ्रम की स्थिति पैदा कर के राजस्थान की जनता को इस पानी से वंचित रखना चहाती है ।
किसान नेता और संघर्ष समिति के संयोजक इन्दल सिंह जाट ने कहा कि केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री केवल गुमराह करते रहते है पहले तो वो इस प्रोजेक्ट को तकनीकि तौर पर अपूर्ण होने की बात कहते थे फिर पांच साल बाद आज यह पूर्ण कैसे हो गई । उन्होने कहा कि भाजपा वोट के नुकसान के डर से जनता को वजाय पानी देने के केवल गुमराह करना चहाते है।किसान नेता इन्दल सिंह ने कहा कि ERC P का पाँच वर्ष में प्रथम चरण पूरा हो जाता लेकिन भाजपा ने इसे पूरा नहीं होने दिया और इसकी लागत भी बढ गई है । इस योजना में राज्य के झालाबड ' बारां ' कोटा ' बूंदी ' सवाई माधोपुर ' अजमेर ' टोंक ' जयपुर ' दौसा ' करौली ' अलवर ' भरतपुर ' धौलपुर जिलों को सम्मलित किया गया है । इस योजना के तहत वर्ष 2051 तक इन जिलों को पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित की गई है ।देश के प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी ने विगत लोकसभा के चुनाव प्रचार के दौरान अजमेर और जयपुर में 7 जुलाई 2018 एवं 6 अक्टूवर 2018 को अपने भाषणों में इस योजना का महत्व बता कर जनता से बोट हासिल किये थे और जनता को इस प्रोजेक्ट को आगे बढाने का भरोसा दिलाया था जिसे आज तक पूरा नहीं किया जवकि वगैर सिंचाई पानी के भूमि बंजर होती जा रही है किसान परेशान है ' टयूबैल सूख चुके है | इन्दल सिंह जाट ने कहा कि पेयजल तो हर घर नल और जल योजना से भी मिल जायेगा लेकिन 13 जिलों की जनता को खेती के लिये सिंचाई के पानी की जरूरत है और उसे लेकर रहेगे ' संघर्ष करेगे । उन्होने सभी किसानों और संगठनों से एकजुट होकर 50 % निर्भरता पर पानी लेने के लिये ईआरसी पी को राष्ट्रीय योजना घोषित कराने के लिये आन्दोलन को और तेज करना चाहिये।केन्द्र सरकार ने समान प्रकृति की ऐसी परियोजनाओं के तहत 8 दिसम्बर 2021 को केन बेतवा नदी जोड़ों परियोजना 44,600 करोड की 90 : 10 के अनुपात में स्वीकृत की गई है । पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना ( ERCP ) को नवम्बर 2017 में स्वीकृति के लिये केन्द्रीय जल आयोग में भेज दिया गया था जो आज भी विचाराधीन है | यह योजना उस वक्त 37247,12 करोड रुपये की लागत पर तेयार कराई गई थी ।
चम्बल के अतिरिक्त पानी को बाणगंगा नदी और गम्भीर में लाने की मांग को लेकर पूर्व सांसद पंडित रामकिशन ' किसान नेता इन्दल सिंह जाट ' जिला पार्षद मोहन सिह गुर्जर के नेतृत्व में वर्ष 2007 से आन्दोलन जारी है । उन्होने बताया कि बैसे तो हर वर्ष चम्बल का पानी बेकार बहकर समुद्र में जाता है लेकिन इस वर्ष भी 19 हजार क्यूविक मीटर अतिरिक्त पानी बेकार बहकर यमुना नदी के रास्ते समुद्र में चला गया जवकि ईआरसीपी के तहत 13 जिलो को मिंचाई ' पेयजल के लिये महज चार हजार क्यूविक मीटर पानी की जरूरत है | उन्होने कहा कि दुःख इस बात का है कि चम्बल हमारी नदी है उसके पानी पर हमारा अधिकार है पानी भी जरूरत से कई गुना ज्यादा है जो बेकार बहकर समुद्र में जाता है ' 13 जिलों की जनता के लिये पानी की जरूरत होने के बाद भी केन्द्र सरकार इसे मंजूर क्यो नहीं कर रही और क्यो केन्द् सरकार 50% निर्भरता पर पानी देना नहीं चहाती । मौजूदा योजना के स्वीकृत होने के बाद बाग गंगा और गम्भीर सहित रुपारेल नदीयों को पानी मिल जायेगे तथा करीब तीन लाखहेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को शामिल कर सिंचाई व्यवस्था की जाएगी । राज्य की गहलोत सरकार ने इसके लिये करीब दस हजार करोड रुपये स्वीकृत किये है और बाँधों का निर्माण कार्य जारी है । इन बांधों में नवनैरा बैराज ' ईसरदा बाँध का अधिकांश कार्य पूरा हो चुका है जवकि मोरेल डेम निर्माण का कार्य भी शुरु गये है इसी डेम से बानगंगा नदी में पानी आयेगा । पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने के लिये भरतपुर ' अलवर ' दोसा ' करौली जिलों में आन्दोलन जारी है जिसे सभी किसान नेताओं एवं विभिन्न संगठनों के साथ जल्द बातचीत करते आन्दोलन को और तेज किया जायेगा