दिव्यांग का परिजनों ने मकान हड़पा, पुलिस अधीक्षक से मांगी इच्छा मृत्यु की इजाजत
भीलवाड़ा (राजस्थान/ बृजेश शर्मा) भीलवाड़ा मांडलगढ़ थाना क्षेत्र के एक गांव के 50 वर्षीय देवीलाल को खुद का मकान होने के बावजूद पिछले सात साल से मंदिर में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है। घर व जमीन दिलाने की मांग को लेकर देवीलाल कई बार पुलिस से शिकायत कर चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। पीड़ा की बात तो यह है कि देवीलाल दोनों पैरों से दिव्यांग हैं और परिवार के नाम पर उनके भाइयों के अलावा कोई नहीं है। ऐसे में देवीलाल ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देकरचेतावनी दी है कि पांच दिन में उसकी मांग पर सुनवाई होकर कार्रवाई नहीं होने पर उसे इच्छामृत्यु की इजाजत दी जाए नहीं तो वह आत्महत्या कर लेगा। जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर खंगारजी का खेड़ा मांडलगढ़ निवासी देबीलाल रेबारी पुत्र लक्ष्मण रेबारी ने कहा कि वह अविवाहित है। उसका भाई लालू भी अविवाहित है। इसके चलते उसके भाई लालू ने बड़े भाई हरलाल रेबारी के बेटे पप्पूलाल को गोद ले लिया। देबीलाल ने कहा कि पप्पू को लालू ने गोद लिया और अपनी संपत्ति उसके नाम कर दी। इसी बीच पप्पू के मन में खोट पैदा हो गया और वह देवीलाल का मकान और जमीन भी हड़पने की नीयत रखने लगा। इसके चलते लालू पुत्र लक्ष्मण रेबारी, हरलाल पुत्र लक्ष्मण रेबारी, पप्पूलाल, शैतान पुत्र हरलाल रेबारी, गजरी पत्नी पप्पूलाल व गेंदा पत्नी हरलाल रेबारी ने धोखे से उसका मकान व जमीन हड़प ली और उसे बाहर निकाल दिया। इसके चलते वह 7 साल से पीलिया की झुपड़िया स्थित देवनारायण मंदिर में रहने को मजबूर है। देबीलाल का आरोप है कि उसके कुएं, दो बाड़ों, मोटर इंजन, पाइप व अन्य संपत्ति भी हड़प कर लिये गये। देबीलाल ने बताया कि उसने पहले 2 व 14 मार्च को भी कलेक्टर व एसपी को ज्ञापन सौंपा था लेकिन पुलिस टालमटोल का रवैया अपना रही है। ज्ञापन में देबीलाल ने उसकी संपत्ति दिलाने की मांग की है।