सरसों की सरकारी खरीद का किसानो को नहीं मिल रहा लाभ: बारदाने के अभाव में किसान बार बार चक्कर लगाने को हैं मजबूर
रामगढ,अलवर (राधेश्याम गेरा)
यूं तो सरकार ने किसानों की सरसों और गेंहू समर्थन मूल्य पर खरीदने के लिए क्रय विक्रय सहकारी समितियों के माध्यम से खरीद शुरु कर रखी है। लेकिन खरीद केन्द्र पर बारदाना ना के बराबर भेज सरसों खरीद का दिखावा ही कर रखा है।
प्राप्त जानकारी अनुसार किसानों को अपनी उपज गेंहू और सरसों समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए गिरदावरी अनुसार ओन लाइन रजिस्ट्रेशन कराना पडता है। लेकिन गेंहू का मूल्य बाजार में समर्थन मूल्य से अधिक होने के कारण किसी ने भी सरकारी खरीद पर रजिस्ट्रेशन नहीं कराया। जबकी सरसों विक्रय के लिए रामगढ क्रय विक्रय सहकारी समीति पर लगभग 600 किसान रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। इधर रामगढ क्रय विक्रय सहकारी समीति पर 8 मई से खरीद शुरु कर दी गई है जिसमें मंगलवार तक केवल 69 किसानों की सरसों ही तुल पाई है। इस बारे में खरीद केंद्र पर मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि बार बार डिमांड करने के बावजूद हमारे पास सरसों तुलाई के लिए मंगलवार तक केवल 3600 कट्टे ही दिए गए हैं उसमें से भी एक गांठ बरसात से भीज कर गले हुए डेम्ब्रेज कट्टो की आई है। इस कारण प्रतिदिन केवल दस से बारहा किसान ही बुलाए जा रहे हैं। यदि पर्याप्त मात्रा में कट्टे उपलब्ध हों तो अधिक किसानों को बुलवाया जा सकता है।
इधर पिछले सप्ताह में कट्टे समाप्त हो जाने के दौरान जो किसान सरसों ले आए थे उन्हें वापिस ले जाने और बार बार चक्कर लगाने के अलावा जिनकी उतर चुकी थी उन्हें रोजाना रखवाली के साथ साथ आर्थिक नुकसान की दोहरी मार झेलनी पड़ी है।
बाजार में सरसों समर्थन मूल्य से पांच से सात सौ रूपये सस्ती बिक रही है इधर खरीद केंद्र पर दस बीघा वाले किसान से अधिकतम 40 क्वींटल ही खरीद की जानी है और छोटे और मझोले किसान से प्रतिबीघा के अनुपात में खरीदी जानी है चाहे पैदा कितनी भी हुई हो।