लापरवाह व निकम्मे अधिकारियों की वजह से किसानों को हो रहा भारी नुकसान- ताखर
चने की बुवाई के बाद वितरित कर रहे बीज: किसानों को मिले समय पर उन्नत किस्म बीज ताकि किसान नही हो निराश क्योकि किसान बचेगा तो ही देश व प्रदेश बचेगा
कैप्टन ताखर ने किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री के नाम जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
झुंझुनू (राजस्थान/ सुमेरसिंह राव) किसानों के साथ हो रही नाइंसाफी को लेकर प्रदेश भूतपूर्व सैनिक कल्याण समिति सचिव व समाजसेवी व इंसानियत ग्रुप के संस्थापक कैप्टन रामनिवास ताखर (सेवानिवृत्त ) के नेतृत्व में नवरंगपुरा सरपंच ताराचंद भावरिया व जगदेवा सिंह कृष्णिया सोमवार को झुंझुनू जिला कलेक्टर लक्ष्मण सिंह कुड़ी को मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा ज्ञापन में लिखा है कि किसानों को समय पर बीज उपलब्ध नहीं होता है जितने का बीज नही मिलता उसे ज्यादा तो किसान को बीज के लिए आने जाने में किराया लग जाता है। इसलिए समय पर बीज उपलब्ध करवाया जाए l इसके अलावा हर ग्राम पंचायत पर बीज सेंटर खोला जाए ताकि किसानों को इधर-उधर भटकना ना पड़े l
कैप्टन ताखर ने ज्ञापन में लिखा कि राजस्थान सरकार में एक कृषि विभाग है जिसको चलाने की जिम्मेदारी एक केबिनेट मंत्री की होती है। उनके नीचे कृषि राज्य मंत्री, कृषि सचिव, अतिरिक्त सचिव, उपसचिव सहित कई भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी व राजधानी से लेकर जोन, जिला, उपजिला और तहसील स्तर पर कृषि अधिकारियों की लंबी चौड़ी फौज होती है। इनके वेतन, भत्ते , गाड़ी, आफिस व अन्य सुविधाओं पर हर साल अरबों रुपये खर्च होते हैं, जो राजस्थान की जनता की गाढ़ी कमाई (टेक्स) से राज्य सरकार इनके वेतन भत्ते व सुख सुविधाओं पर खर्च करती है। ये अधिकारी बड़े बड़े एसी आफिस में बैठ कर अन्नदाता का भाग्य लिखते (योजनाएं बनाते) हैं। इनकी जिम्मेदारी है कि राजस्थान के अन्नदाता को कैसे सम्पन्न किया जाए, कैसे किसानों की आय बढाई जाए, कैसे किसानों की उपज बढ़े, कैसे किसानों की समस्याओं का निराकरण हो, कैसे किसानों को समय पर बीज, खाद व कीटनाशक उपलब्ध हों लेकिन दुर्भाग्य से
लापरवाह व निकम्मे अधिकारियों की वजह से किसानों की कम होने की बजाय बढ़ जाती है परेशानी
देश की जीडीपी में 18-20% प्रतिशत योगदान कृषि का होता है । जब कोरोना काल मे सब कुछ बंद हो गया था तब भी किसानों ने अपनी जान की परवाह किये बगैर दिन रात मेहनत कर के देश को विकट परिस्थितियों में भी बदतर स्थिति में जाने से बचा लिया था । जो देश पूर्ण रूप से उद्योग धंधों पर आश्रित थे वे कोरोना काल में बर्बाद हो गये । लेकिन आज इन लापरवाह अधिकारियों की वजह से किसान अपनी किस्मत को कोस रहे हैं कि उनका जन्म किसान के घर मे क्यो हुआ ।
कैप्टन ताखर ने ज्ञापन में आगे बताया कि मुख्यमंत्री जी व कृषिमंत्री जी आपने तो खुद किसान के घर में जन्म लिया है, हमेसा किसानों के बीच रहे हो और आपसे ज्यादा किसानों की पीड़ा को कौन समझ सकता है। आप इसकी तह तक जाये और जो अधिकारी चने व अन्य बीज किसानों को पहुंचाने के काम मे लगे हुए थे उनमें से किस किस अधिकारी की वजह से किसानों के साथ ये घोर अन्याय व छलावा हुआ है उनकी रिस्पांसिबिलिटी फिक्स की जाए और जो भी अधिकारी इस काम के लिए दोषी पाए जाते हैं उन अधिकारियों को बर्खास्त किया जाये ताकि दुबारा कोई लापरवाह व निकम्मा अधिकारी इन बेबस लाचार किसानों के साथ ऐसा पाप करने की हिम्मत ना कर सके ।
कैप्टन ताखर ने मुख्यमंत्री जी व कृषिमंत्री जी से विशेष अनुरोध किया कि आगे से आप राजस्थान के किसानों के लिए अधिक पैदावारवाले उन्नत किस्म के बीज की व्यवस्था करवाकर कर्षि पर्वेक्षक या व्यवस्थापक के माध्य्म से खरीफ की फसल का बीज मई तक और रबी की फसल का बीज सितम्बर के महीने तक हर गांव या ग्रामपंचायत तक हर हाल में पहुंचाने का प्रबंध करवाए ताकि किसान फसल की बुवाई से पहले उन्नत किस्म का बीज ले सके और समय पर अपनी फसल की बुवाई कर सके।