गुरलाँ में सेवरा सजा कर लाती है नन्ही बालिका करतीं हैं महिलाओं द्वारा गणगौर पुजा
गुरला ,बद्री लाल माली
गुरलाँ:- धुल्लडी के बाद गणगौर तक प्रतिदिन नन्ही मुन्नी बालिका सजधजकर सेवरा गणगौर के थानक तक ले जाती है बीच में चौराहे पर नाचती गाती है बच्चीयों द्वारा कलश में आम के पते, फुल आदि से सेवरा सज्जा कर गणगौर व सेवरा के गीत गाती गोरे पुजे गणपति ,ईश्वर पुजे पार्वती ,पार्वती का आला लिला,गौरे को सोने का टीला,टीला दे टपका रानी गीत गाती हुई सेवरा ले जातीं है यह सिलसिला गणगौर तक चलता है बालिका व महिलाओं द्वारा व्रत भी किया
चैत्र शुक्ल पक्ष की तृतीया यानी नवरात्रि के तीसरे दिन गणगौर का त्योहार मनाया जाता है। इसे गौरी तृतीया भी कहते हैं। शिव पार्वती को गौरी ईशर के रूप में पुजा की जाती है कहानी कहती है इस पर्व को मुख्य रूप से राजस्थान में मनाया जाता है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और गुजरात के कुछ इलाकों में भी इस पर्व को मनाया जाता है। इस साल गणगौर पर्व 24 मार्च को मनाया जा रहा है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। कंचन रेखा, मीरा मधु, उषा, पायल दुर्गा सेन कांता दाधिच अकीता अंकिता शर्मा लाली देवी रवीना सीमा माली महिला ने गणगौर पुजा की