मुनाफे की आड़ में फैला रहे गोरखधंधा, प्रशासन भी नहीं दे रहा इस ओर ध्यान:धड़ल्ले से बेच रहे मिलावटी सामग्री
खैरथल,अलवर (हीरालाल भूरानी)
जिले का सौभाग्य प्राप्त करने वाले खैरथल कस्बे में इन दिनों मिलावट व नकली सामान धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। यह गोरखधंधा व्यापक पैमाने पर चल रहा है, लेकिन प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है।
कभी कलाकंद व सरसों के तेल के लिए मशहूर कस्बे को अब ग्रहण लग गया है।अधिक मुनाफे की आड़ में दोनों ही चीजों का नाम बदनाम हो गया है। सूत्रों के अनुसार मई - जून माह में रिटेल में सरसों के तेल की इतनी खपत होती थी कि बाहर से लोग सरसों का तेल खरीदने आते थे, लेकिन मिलावट के दंश से जहां लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, वहीं व्यापार भी चौपट कर दिया। खैरथल के बाजारों में कुछ अर्से से सरसों के तेल की बोतल का चलन चल रहा है। जिसमें एक किलो तेल कह कर बेचा जाता है, जबकि वास्तविकता में सात सौ ग्राम की भर्ती होती है। वहीं इन बोतलों पर कुछ भी मार्का लगवा लो। यही हाल किराने के सामान की दुकानों पर हो रहा है। देशी घी से लेकर चावल,दाल,नमक, मसाले में मिलावट खुलेआम हो रही है।नामी ब्रांडों की पैकिंग में बिना किसी रोक - टोक व भय के साथ व्यापार किया जा रहा है।
गत दिनों एक डीलर के यहां से नकली घी प्रकरण भी खूब चर्चा में रहा। कलाकंद व मिठाई में भी मिलावट हो रही है। कस्बे सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में कलाकंद में सूजी, रिफाइंड तेल आदि का मिश्रण होता है। यही कलाकंद ऊंचे प्रतिष्ठानों पर तीन से चार सौ रुपए प्रति किलो बेचा जा रहा है।
खल में मिला रहे पत्थर पावडर :
मुनाफे के सौदागर खिलवाड़ करने से नहीं चूक रहे। सरसों तेल मिलों में निकलने वाली खल में खुलेआम पत्थर पावडर मिलाने का कार्य चल रहा है। बताया जाता है कि रोजाना लगभग दस बड़े ट्रकों में पत्थर पावडर खैरथल के रीको क्षेत्र में उतरता है जो विभिन्न तेल मिलों में पहुंच रहा है। यह पाउडर राजगढ़ से आता है। अधिकारियों की जानकारी में होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होना सवाल खड़ा करते हैं।