देवछाया विहार कॉलोनी स्थित मां सरस्वती के यूनेस्को टेम्पल परिसर पर भक्तिभाव से मनाया गया गुरू पूर्णिमा महोत्सव
गुरला (भीलवाडा, राजस्थान/ बद्रीलाल माली) यूनेस्को के प्रदेश संयोजक गोपाल लाल माली ने बताया कि यूनेस्को टेम्पल पर पहली बार आयोजित हुआ गुरू पूर्णिमा महोत्सव सैकड़ों भक्तों की उपस्थिति में महंत लालाराम शर्मा के सानिध्य में मनाया गया। मंदिर का फूलों से श्रृंगार किया गया, जो कि बड़ा ही आकर्षक लग रहा था। मां सरस्वती की महाआरती के बाद प्रसादी का आयोजन किया गया, जो कि देर शाम तक हजारों ने भक्तों ने प्रसादी का आनंद उठाया।
माली ने गुरू पूर्णिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि व्यक्ति के जीवन में मां बाप, भाई बहन, शिक्षक, बुजुर्गों के साथ शिक्षा और दीक्षा गुरु का बड़ा महत्व होता है। शिक्षा व वीणा की देवी मां सरस्वती का गुरू के रूप में दुनिया में सर्वोच्च स्थान है। अगर हमारे मन मे श्रद्धा नही है तो हम किसी कार्यक्रम से नही जुड़ पाएंगे। यह श्रद्धा हमारी सोच से आती है जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि। हमारी सोच सकारात्मक होगी तो हर जगह सकारात्मक दिखाई देती है। इस अवसर पर मुकेश बुलीवाल, बंसी प्रजापत, कमलादेवी,कीर्ति , रंजना सहित कई लोग उपस्थित थे।