गोविंदगढ़ कस्बे में नगर पालिका बनी आमजन के लिए जी का जंजाल जाने क्यों
राजस्थान सरकार के मुताबिक अभी काफी अधिक संख्या में अपात्र लोगों के नाम राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा पोर्टल में नहीं जोड़े जा सके हैं। खाद्य सुरक्षा पोर्टल में नाम न जुड़ने से इन्हें किसी प्रकार का राशन नहीं मिला रहा है। केंद्र सरकार द्वारा तय सीमा के आधार पर राजस्थान की 53% शहरी आबादी और 69% ग्रामीण आबादी खाद्य सुरक्षा के दायरे में आती है। इस आधार पर 4.46 करोड़ आबादी को खाद्य सुरक्षा का लाभ मिल रहा है। लेकिन इसके पात्र लोगों की संख्या इससे कहीं ज्यादा है।
गोविंदगढ़ अलवर (अमित खेडापति)
गोविंदगढ़ पंचायत समिति क्षेत्र की ग्राम पंचायत गोविंदगढ़ 31 मार्च 2022 को संपूर्ण रुप से नगरपालिका बन गई और उसका चेयरमैन उर्मिला अजय मेठी को बना दिया गया लेकिन अन्य कर्मचारियों की व्यवस्था पर नही दिया गया कोई ध्यान। जबकि फरवरी में ही जब राज्य सरकार के द्वारा नगरपालिका को अस्तित्व में ला दिया गया तो यहां कर्मचारियों की नियुक्तियों पर क्यो विचार नही किया गया जो कि प्रशासन के हाथ मे ही था।
नगरपालिका कस्बेवासियो के लिए बन रही मुसीबत :-
गोविंदगढ़ ग्राम पंचायत को रामगढ़ विधायक सफिया जुबेर खान की अनुशंसा पर नगर पालिका में क्रमोन्नत कर एक तोहफा तो दिया लेकिन वह अब यहां की जनता के लिए जी का जंजाल बन चुका है
इसके साथ ही गोविंदगढ़ क्षेत्र की जनता की समस्याओं का बढ़ना जारी हो गया हम बात करेंगे गोविंदगढ़ ग्राम पंचायत के समाप्ति और नगरपालिका बनने की जिसके कारण ग्राम विकास अधिकारी की शक्तियां छीनी गई और खाद्य सुरक्षा को लेकर जो हस्ताक्षर ग्राम विकास अधिकारी को करने थे वह अब करने वाला कोई भी अधिकारी यहां मौजूद नहीं है जिसके कारण गोविंदगढ़ कस्बे के गरीब तबके के लोग चारों ओर भटकते हुए नजर आ रहे हैं और उनके खाद्य सुरक्षा के फॉर्म पर हस्ताक्षर नहीं हो पा रहे हैं जिससे कि खाद्य सुरक्षा का फॉर्म ऑनलाइन नहीं हो पा रहा है
जिला परिषद को भेजा मांग पत्र:-
विकास अधिकारी प्रहलाद मीणा ने बताया कि उनके द्वारा उच्च अधिकारियों को इस बाबत सूचना दी गई हैओर कस्बे में साफ सफाई और अन्य व्यवस्थाओं के लिए मार्गदर्शन हेतु पत्र भेजा है लेकिन अभी तक यहां का चार्ज किसी अधिकारी को दिए जाने के आदेश जारी नहीं हुए
कस्बेवासी अधिकारीयों के पास भटक रहे :-
बहरहाल आम जनता गहलोत सरकार के द्वारा 1 अप्रैल को दी गई सुविधा का लाभ यहां पर नहीं ले पा रही है और खाद्य सुरक्षा में नाम नहीं जुड़ पा रहे हैं जिससे इस गर्मी में दोपहर में महिला एवं पुरुष इधर-उधर को भटकते हुए नजर आ रहे हैं और फॉर्म पर किसके साइन होंगे अधिकारियों के पास कोई भी जवाब नहीं है कस्बे के आमजन ने बताया कि वह पंचायत समिति के विकास अधिकारी एवं उपखंड अधिकारी हेमराज गुर्जर से भी जाकर मिले जिन्होंने इस क्रम में किसी भी प्रकार की सहायता से इनकार कर दिया
नगर पालिका में अधिकारियों की नियुक्ति के बाद ही होगा शुरू होगा खाद्य सुरक्षा का लाभ
राज्य सरकार के द्वारा नगर पालिका में नियुक्ति के बाद ही प्रारंभ हो पाएगा लोग इस बढ़ते तापमान में खाद्य सुरक्षा की गेहूं की आस में भटक रहे हैं लेकिन सरकार एवं विधायक इस और कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं वहीं गोविंदगढ़ कस्बे के आमजन को एक और समस्या सता रही है जो कि यह है कि नगरपालिका बनने के बाद गोविंदगढ़ क्षेत्र शहरी क्षेत्र में बदल जाएगा जहां खाद्य सुरक्षा के भी मायने बदल जाएंगे क्योंकि जहां ग्रामीण क्षेत्र में 69% लोगों को खाद्य सुरक्षा का लाभ मिलता है वहीं शहरी क्षेत्र में यह प्रतिशत घट जाता है अब अगर यह लागू होता है तो यहां मैं परिवारों को जोड़ा जाना मुश्किल नजर आ रहा है
इन दस्तावेजों के होने के बाद जुड़ सकेगा नाम:-
आधार और जन आधार कार्ड होना होगा जरूरी खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के आयुक्त को पत्र भेजकर नए आवेदनों के लिए पोर्टल के सॉफ्टवेयर में आधार कार्ड नंबर और जन आधार कार्ड फीड करने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. आवेदन में आधार कार्ड व जन आधार कार्ड होना जरूरी है
इन कैटेगिरी के वंचित लोग जुडवा सकते योजना में नाम:-
चयनित सरकार की पात्रता के अनुसार अंत्योदय परिवार, बीपीएल, स्टेट बीपीएल, अन्नपूर्णा योजना के लाभार्थी, अल्प आय वर्ग, एकल महिला, पंजीकृत श्रमिक, कच्ची बस्ती के बाशिंदे, कचरा बीनने वाले परिवार, एड्स पीड़ित, बहु दिव्यांग, पालनहार के लाभार्थी, लघु कृषक, कुष्ठ रोगी व अनाथ सहित 31 श्रेणियों को एनएफएसए चयन के लिए पात्र माना है