गोविंदगढ़ नगर पालिका क्षेत्र में अधिकारियों की खाली कुर्सियां दे रही महंगाई राहत शिविरों में आमजन को लाभ
गोविंदगढ़ अलवर
अलवर जिले के गोविंदगढ़ कस्बे स्थित नगरपालिका के द्वारा मंहगाई राहत शिविरों का आयोजन दिखवा बन कर रह गया है जहां गोविंदगढ़ नगरपालिका क्षेत्र में महंगाई राहत शिविरों का आयोजन किया जा रहा है जहां पर आज वार्ड नंबर 10 के खेड़ापति मोहल्ले में शिविर का आयोजन किया गया लेकिन प्रातः 10:00 कोई भी कर्मचारी वहां पर मौजूद नजर नहीं आया यहां तक कि जब 11:00 बजे उपखंड अधिकारी सुशीला मीणा शिविर का निरीक्षण करने पहुंची तो वहां कुछ ही कर्मचारी मौजूद थे लेकिन मौके पर महंगाई राहत शिविर में 10 योजनाओं के रजिस्ट्रेशन के लिए कोई भी ऑपरेटर एवं कंप्यूटर सहित एलईडी स्क्रीन भी मौजूद नहीं थी जिस पर उपखंड अधिकारी ने वहां मौजूद नगरपालिका के कर्मचारियों से वहां पर यह व्यवस्था नहीं होने का कारण पूछा तो नगरपालिका कर्मचारी बगले झांकते नजर आए
3 दिन पूर्व मेवात विकास बोर्ड के चेयरमैन जुबेर खान से महंगाई राहत शिविरों में खानापूर्ति किए जाने की बात कही गई थी तो उन्होंने इस प्रकार की समस्या आने पर कार्यवाही करने की बात भी कही थी लेकिन यह सब बातें धरातल पर होती नजर नहीं आ रही है क्योंकि जब पूर्व कलेक्टर जितेंद्र सोनी पुरानी तहसील परिसर में निरीक्षण के लिए पहुंचे तब भी वहां पर अव्यवस्थाएं मिली थी लेकिन उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई इसके बाद नगरपालिका परिसर में भी इसी प्रकार कर्मचारी नहीं मिले थे लेकिन सिर्फ वहां पर भी कार्यवाही करने की बात कही गई थी और आज भी यह कर्मचारी तो मौजूद ही नहीं थे लेकिन जब वहां उपखंड अधिकारी वहां पहुंचती है तो महंगाई राहत शिविर जिस कार्य के लिए लगाए जा रहे हैं उनका रजिस्ट्रेशन करने वाला ही मौजूद नहीं था तो किस प्रकार महंगाई राहत शिविर का लाभ आमजन को दिया जा सकेगा क्योंकि बिना रजिस्ट्रेशन के तो 10 योजनाओं का लाभ आमजन को पहुंचाया ही नहीं जा सकता
महंगाई राहत शिविर लगाकर नेता फोटो खिंचवा कर आमजन को शिविरों की महत्वता को समझा रहे हैं लेकिन उनके जाने के बाद और पीठ पीछे इस प्रकार के कार्य हो रहे हैं कि आमजन इनके लाभों पर ही सवाल ये निशान जरूर लगा रहा है जब इस प्रकार के कार्य होंगे तो सरकार की मंशा पर भी सवालिया निशान जरूर खड़े होंगे