उपनगर पुर में महंगाई राहत शिविर का हुआ शुभारंभ -उमड़ी जनता :धूप के कारण आमजन हुए परेशान- जनता में आक्रोश
भीलवाड़ा : राजकुमार गोयल
पुर उपनगर पुर मे राज्य सरकार के द्वारा गरीबों को महंगाई से राहत दिलाने के लिए महत्वाकांक्षी योजना अशोक गहलोत मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार के द्वारा प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत महंगाई राहत का दो दिवसीय शिविर का आयोजन पुर कस्बे के बस स्टैंड के पास स्थित सामुदायिक भवन के प्रांगण में आयोजित हुआ। महंगाई से राहत पाने के लिए महिला पुरुष उमड़ पड़े। इस अभियान में खाद्य सुरक्षा,₹500 में गैस सिलेंडर, नरेगा रोजगार और बिजली के बिल में में छूट देने का रजिस्ट्रेशन करवाने हेतु लोगों की भीड़ उपस्थित हुई।
महंगाई राहत कार्यक्रम की शुरुआत में ही पुर की जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा अधिकारियों के समय पर नहीं पहुंचने वह साइड नहीं चलने तथा छाया की व्यवस्था पूर्ण रूप से नहीं होने से आम जनता को धूप में खड़े रहकर परेशान होना पड़ा एक नजारा तो ऐसा देखने को मिला धूप से बचने के लिए आमजन ने राहत कैंप के विज्ञापन से संबंधित होर्डिंग को उठाकर ही धूप से बचाव करने का प्रयास किया लेकिन फिर भी राहत नहीं मिल पाई । रजिस्ट्रेशन देरी से शुरू होने के कारण महिलाओं को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा महिलाओं ने तो आरोप लगाए कि राहत कैंप में राहत की बजाय हमें परेशान किया जा रहा है।
कैंप के शुरुआत में लोगों से कांग्रेश के जनप्रतिनिधियों द्वारा कैंप स्थल पर एक अनावश्यक उनके विधायक प्रत्याशी के फोटो लगा फार्म भरवाए जाने व दस्तावेजों की प्रतिलिपि लगवाने से भी आम जनता को काफी परेशानियों वअनावश्यक पैसों का खर्चा करना पड़ा जिसका पार्षद लाभ शंकर चौबे, सूरज विश्नोई , मुकेश बैरवा एवं जनप्रतिनिधियों ने विरोध किया वह कहा कि उक्त कार्य केवल राहत कैंप का कांग्रेसी करण किए जाने के उद्देश्य से किया गया है जबकि ऐसा कोई फार्म सरकार द्वारा जारी नहीं किया गया इस कैंप में आमजन की परेशानियों को देखकर राष्ट्रीय मानवाधिकार पर्यावरण सुरक्षा एवं भ्रष्टाचार निवारण संगठन के जिला अध्यक्ष रतनलाल आचार्य, युवा जिला अध्यक्ष मुकेश सोनी, तथा कैंप में उपस्थित सभी जनप्रतिनिधियों एवं आमजन ने कहां की राहत कैंप में बेवजह के अनिवार्य पंजीयन से लोगों को परेशान किया जा रहा हैं
आचार्य ने कहा कि जब सरकार के पास लाभार्थियों का रिकॉर्ड पहले से ही मौजूद हैं तब इन शिविरों में अनिवार्य पंजीयन क्यों करवाया जा रहा है इन सब के पीछे राजनीतिक मकसद को सादा जा रहा है जिससे आमजन को परेशान कर सरकारी तंत्र का दुरुपयोग किया जा रहा है क्योंकि कैंप में नगर परिषद नगर विकास न्यास अन्य विभागों के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई जबकि सुबह से शाम तक यह अधिकारी गर्मी में कैंप में फालतू बैठे रहे इनके पास कोई काम नहीं होने से परेशान रहे वहीं इनके कार्यालयों पर आमजन के काम ठप रहे अतः इन अधिकारियों की ड्यूटी इनके विभाग में ही लगाई जानी चाहिए।
क्षेत्र के राजेंद्र मेहता ने कहा कि इस राहत कैंप को हर वार्ड में 2 दिन तक लगाए जाने का आदेश है तो फिर पूर्व में भी उक्त कैंप चारों वार्ड को मिलाकर 8 दिन तक लगाया जाना चाहिए ताकि आमजन को राहत मिले।
राहत कैंप के दौरान ग्यारस माता कॉलोनी निवासी श्रवण विश्नोई ने पार्षदों के साथ एसडीएम को मौखिक शिकायत की कि कल उसके मकान में जिंदल की ब्लास्टिंग से टैंक की पटिया टूट गई जिस पर एसडीएम ने मौका दिखवाने की बात कही ।