दंत चिकित्सा व दंत चिकित्सकों का अभाव: सरकार नहीं दे रही ध्यान
गुढ़ागौड़जी (झुंझुनू, राजस्थान/ सुमेरसिंह राव) सरकार दंत चिकित्सा को लेकर बेपरवाह जैसा कि हमें डॉ राधाकृष्ण सिहाग ने बताया की आईपीएचएस केंद्र सरकार 2022 की गाइडलाइन के मुताबिक राज्य के हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र वह जिला अस्पताल पर दंत चिकित्सक होना चाहिए लेकिन हालात इसके विपरीत हैं ना सरकार ध्यान दे रही है ना आम जनता लेकर जागरूक है जबकि मुख्य स्वास्थ्य ही स्वस्थ स्वास्थ्य का निर्धारण करते हैं
हालांकि कनेक्शन पूरी तरह से समझा नहीं गया है, कुछ शोध बताते हैं कि हृदय रोग, धमनियों का बंद होना और स्ट्रोक सूजन और संक्रमण से जुड़ा हो सकता है जो मौखिक बैक्टीरिया पैदा कर सकता है। गर्भावस्था और जन्म जटिलताओं। पीरियोडोंटाइटिस को समय से पहले जन्म और जन्म के समय कम वजन से जोड़ा गया है। न्यूमोनिया हमारे मौखिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाली कुछ सबसे आम बीमारियों में कैविटी (दांतों की सड़न), मसूड़े (पीरियडोंटल) रोग और मुंह का कैंसर शामिल हैं। 40% से अधिक वयस्कों ने पिछले वर्ष के भीतर अपने मुंह में दर्द महसूस किया है, और 80% से अधिक लोगों के पास 34 वर्ष की आयु तक कम से कम एक गुहा होगा।