कठूमर उपखंड की एकमात्र हनुमान गौशाला पर वन विभाग की कार्यवाही के नाम पर हुई लूट
कठूमर उपखंड क्षेत्र में मैथना स्थित रून्ध क्षेत्र में श्री हनुमान गौशाला में वन विभाग की कार्रवाई के नाम पर गोवंश की लूट की गई जिसमें लोगों के द्वारा वन विभाग की कार्रवाई की आड़ में दुधारू गोवंश को चोर कर ले जाया गया और बछड़ों को वहीं छोड़ दिया गया जिससे वह अब बिना मां के तड़प रहे हैं वही कार्रवाई करने वाले अब वहां की सुध लेना भी जरूरी नहीं समझ रहे लोग लगा रहे स्थानीय विधायक पर कार्यवाही करने के आरोप
कठूमर (अलवर, राजस्थान/ अशोक भारद्वाज) 21 अप्रैल की प्रात काल 8:00 बजे वन विभाग की ओर से कठूमर उपखंड मुख्यालय की एकमात्र गोशाला मैथना स्थित हनुमान गोशाला को ध्वस्त कर 40 बीघा जमीन अतिक्रमण मुक्त कराई गई जिसमें वन विभाग की टीम के द्वारा कार्रवाई को अंजाम दिया गया वहीं स्थानीय प्रशासन वहां पर कहीं मौजूद नहीं था और ना ही उनको इस प्रकार की कोई कार्रवाई की जानकारी थी
वही गोशाला ध्वस्त होने से करीब 400 गोवंश बेहाल स्थिति में आ गए और इस गर्मी में भूख प्यास से व्याकुल हो गए। जिनमें से भी दुधारू गोवंश को लोगों के द्वारा रात्रि के समय चोरी कर ले जाया गया अब तो दारू गोवंश के बछड़े बिना मां के गौशाला में तड़प रहे हैं स्थिति यह है कि गौशाला में अब पीने के पानी की समस्या खड़ी हो गई है क्योंकि वहां लगी हुई पानी की मोटर को भी लोग चोरी कर ले गए आलम यह है कि वहां लगे पंखे लाइट केबल और अन्य सामानों को भी लोग चोर कर ले गए वहां पर इस प्रकार लूट की गई कि वहां उपस्थित लोग तो सहन कर एक तरफ खड़े हो गए और अब डर के कारण कोई भी कार्यवाही करने से भी डर रहे हैं
गौरतलब है कि मैथना रूधं में स्थित वन विभाग की करीब 1400 बीघा जमीन में से करीब 40 बीघा जमीन पर पिछले एक दशक से गोशाला चल रही थी जिसमें 400 छोटे बड़े गोवंशों का पालन पोषण किया जा रहा था। सहायक वन संरक्षक कोर्ट राजगढ़ के 2020 के आदेश के अनुपालन में गोशाला के संचालक को 20 दिसंबर 2021 में गोशाला की जगह को 7 दिन में खाली करने और गायों को अनयंत्र स्थानांतरित करने का नोटिस जारी किया गया।लेकिन हैरत की बात तो यह है कि जहां राजस्थान सरकार के बजट में हर उपखंड पर एक गौशाला खोले जाने की घोषणा की गई थी वहां पर कठूमर उपखंड में गौशाला को वहां से हटाए जाने पर स्थानीय विधायक बाबूलाल बैरवा के द्वारा इस ओर कोई कदम क्यों नहीं उठाया गया जबकि जानकारी के अनुसार इस गौशाला का उद्घाटन भी बाबूलाल बैरवा के द्वारा ही किया गया था और अब जब वहां से गौशाला का ध्वस्त किया गया है तो स्थानीय विधायक के द्वारा अभी तक इसकी कोई जानकारी नहीं लेना भी संदेह के घेरे में आ रहा है
स्थानीय नागरिकों के अनुसार वैसे तो स्थानीय विधायक विभिन्न प्रकार की क्षेत्र में घोषणाएं करवा कर वाहवाही लूट रहे हैं वहीं यहां अलवर जिले में जहां राजगढ़ में भोलेनाथ को मंदिर से निकाला वहीं नंदी को गौशाला से निकाल दिया गया भगवानों पर अत्याचार और सेवकों की बेरुखी अलवर जिले में लगातार जारी है और आमजन में सरकार के प्रति गुस्सा जगजाहिर हो रहा है
तेजी राम शर्मा (अध्यक्ष श्री गौशाला श्री हनुमान सेवा समिति) का कहना है कि प्रातः काल 21 अप्रैल गुरुवार की प्रात:काल 8 बजे वन विभाग की टीम हनुमान गौशाला में पहुंची तो अध्यक्ष तेजी राम शर्मा ने उनसे पूछा कि बाहर हुए अतिक्रमण को हटाने आए हैं जिस पर सरपंच सुकेश मेथना ने कहा कि अतिक्रमण नहीं यह गौशाला ही हटानी है जिस पर उस समय तनाव बढ़ गया लेकिन उनके साथ आए गांव के लगभग 300 से 400 लोगों के आगे वन विभाग ने अपनी कार्रवाई को अंजाम दिया जहां राज्य सरकार के द्वारा गौशाला को अनुदान भी मिलता रहा है विगत 6 माह में तेरे लाखों रुपए का अनुदान गौशाला को सरकार की ओर से मिला है
जिसमें बड़े गोवंश को ₹400 एवं छोटे गोवंश को ₹200 का अनुदान सरकार की ओर से मिलता है वहां वन विभाग की टीम ने कार्रवाई को अंजाम देते हुए गाय एवं पशुओं को वहां से निकाल दिया जिस पर वहां के स्थानीय निवासियों के द्वारा दुधारू गायों को वहां से एक प्रकार से लूटकर ले गए गाय तो वहां से चली गई लेकिन अब वर्तमान में गौशाला में बछड़े बिना मां के तड़प रहे हैं जिससे उनका जीवन संकट में है
श्याम सिंह नरुका रेटी (पूर्व मंडल अध्यक्ष भाजपा कठूमर) का कहना है कि -गौशाला में जिस प्रकार की कार्रवाई की गई है दीवार तोड़ी गई हैं क्यों तोड़ दी गई और प्रशासन की मौजूदगी में यह कृत्य हुआ है बहुत ही बड़ा अत्याचार हुआ है इसमें सरकार में जो लोग बैठे हैं वह जिम्मेदार हैं गांव के लोग विधायक से मिले हैं जिनकी शह पर ही यहां पर कार्रवाई की गई है पूरे क्षेत्र में मात्र एक ही गौशाला थी जिसमें सभी क्षेत्र के लोगों अनुदान करते थे|