खनन से प्रकृति तंत्र बिगडा, अवेध विस्फोटक बिगाड सकता है माहौल
पहाड़ी।पहाड़ी उपखण्ड में पर्वतमालाओं को बचाने के बजाय हर किसी की नजर खनन जॉन से लेकर प्रतिबंधित पर्वतमालाअेा पर खनन करने को टिकी हुई है। चारागाह व प्रतिबंधित पहाडो में खनन माफिया अवेध करने को लेकर आपस में झगडते नजर आते है। लेकिन समय गुजरने के बाद एक जगह बैठकर आपस मेंं समझोता कर खनन मे जुट जाते है। यह सब खनन माफियाओ के बचाव पक्ष के रसूखदारो के इशारे पर हो रहा है। कामांं, डीग, पहाड़ी क्षेत्र मे पडने वाले प्रतिबंधित पर्वतो को खनन माफिया छलनी करने मे जुटा है।कामां के चरण पहाडी व वोलखेडा, गाधानेर के चारागाह जैसे प्रतिबंधित पहाड पर नियमिति खनन का करोबार जोर शोर जारी हेै।जो आने वाले समय में मानव जाति के लिए आपदाओं को निमंत्रण दे रहा है।खनन के बाद पहाडो ने भयावह रूप धारण कर लिया है। जो चिन्ता का विषय है। खनन क्षेत्र मेंं पौधारोपण व पानी छिडकाव जैसी आवश्यकताओ को दरकिनार कर पर्यावारण को दुषित किया जा रहा है।
माफिया का बचाव-
अवेध खनन माफियाओं के रसूखात के चलते उनके खिलाफ कार्रवाही नही की जाती हैै। जब भी अवेध खनन का मामला पकड में आता है उस लीज धारक को बचाया जाता है जबकि वेध की आड में अवेध वह ही करवाता है। उसका बचाव करते हुए रिर्पोट में आमजन के नामजद किया जाता है।जिनसे अवेध पत्थर की बसूली नही होपाती है।जानकारो का कहना है जब भी आवश्यकता पडती हैे तो मुख्य खनन माफिया अपने रसूखताओ का उपयोग कर निर्दोष लोग के नाम बताकर कार्रवाही को अंजाम दिला देता है।
अवेध विस्फोटक का उपयोग क्षेत्र पर खतरा-
आऐ दिने खनन के लिए पहाडा़ें में होने वाली ब्लास्ंिटग से आसपास के मकान थर्राने लगे है। जिसकी धमक कस्बो सहित आसपास के गांवो में सुनाई पडने लगी है। पहाड़ो में अवेध विस्पोटक सामग्री का पडा मिलना सकेंत मात्र है। जो कभी भी क्षेत्र का माहौल खराब कर सकता हेै।लालच मेंं नियमो को ताक में रखकर विस्फोटक सामग्री का चेचान धडल्ले से किया जा रहा है। क्षेत्र में जगह जगह विस्फोट सामग्री के गोदामो संचालित है।जो नियमो को ताक में रखकर विस्फोटक सामग्री का बेचान कर रहे है।