दिखावे से ज्यादा कर्त्तव्य बोध पर ध्यान देना चाहिए : संत जीवण राम
खैरथल (अलवर, राजस्थान/ हीरालाल भूरानी) कस्बे के विजय पार्क परिसर में चल रहे सत्संग के दौरान बाबा आयाराम दरबार अहमदाबाद के गद्दी नशीन संत जीवण राम उर्फ श्याम बाबा ने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमें दिखावे से ज्यादा कर्त्तव्य बोध पर ध्यान देना चाहिए। इसकी व्याख्या करते हुए उन्होंने एक प्रसंग सुनाते हुए कहा कि एक बार एक सेठ पूरे एक वर्ष तक चारों धाम की यात्रा करके आया, और उसने पूरे गांव में अपनी एक वर्ष की उपलब्धि का बखान करने के लिए प्रीति भोज का आयोजन किया।सेठ की एक वर्ष की उपलब्धि थी कि वह अपने अंदर से क्रोध - अहंकार को अपने अंदर बाहर चारों धाम में ही त्याग आये थे।सेठ का एक नौकर था वह बड़ा ही बुद्धिमान था,भोज के आयोजन से से तो वह जान गया था कि सेठ अभी अहंकार से मुक्त नहीं हुआ है, किन्तु अभी उसकी क्रोध की परीक्षा लेनी बाकी थी।
उसने भरे समाज में सेठ से पूछा कि सेठ जी इस बार आपने क्या क्या छोड़ कर आए हैं ॽ सेठ जी ने बड़े उत्साह से कहा - क्रोध, अहंकार त्याग कर आया हूं। फिर कुछ देर बाद नौकर ने वही प्रश्न दोबारा किया और सेठ जी का उत्तर वहीं था,अनंतोगत्वा एक बार प्रश्न पूछने पर सेठ अपने आपे से बाहर हो गया और नौकर से बोला - दो टके का नौकर मेरा दिया खाता है और मेरा ही मजाक कर रहा है।बस इतनी ही बात करते ही नौकर ने भरे समाज में सेठ जी के क्रोध - अहंकार त्याग की पोल खोल कर रख दी। श्याम बाबा ने कहा कि इससे हमें यह शिक्षा मिलती है कि दिखावे से ज्यादा हमे कर्तव्य बोध पर ध्यान देना चाहिए। प्रवचन उपरांत उपस्थित श्रद्धालुओं को मंदिर के स्वयं सेवकों द्वारा प्रसाद वितरण किया गया।