शहीदी सप्ताह के अंतर्गत निकाला गया नगर कीर्तन
रामगढ़ (अलवर, राजस्थान/ राधेश्याम गेरा) गुरु गोविंद सिंह जी के चार छोटे छोटे बच्चों ने देश और धर्म की रक्षा के लिए 23 से 30 दिसम्बर के दौरान हंसते हुए अपने प्राण निछावर कर दिए। जिसमें से एक बाबा अजीत सिंह उम्र 17 वर्ष और बाबा जुझार सिंह उम्र 14 वर्ष ने मुगलों से युद्ध करते हुए देश और धर्म की रक्षा के लिए प्राण न्योछावर कर दिए और उनके दो छोटे भाई बताना जोरावर सिंह उम्र 9 साल और फतेह सिंह उम्र 7 साल को जिंदा दीवारों में चिनवा दिया गया था। उनकी याद में खालसा पंथ के लोगों द्वारा हर वर्ष शहीदी सप्ताह मनाया जाता है। जिसके दौरान गुरुद्वारों में अखंड पाठ और नगर कीर्तन का आयोजन किया जाता है इसी उपलक्ष में इस वर्ष रामगढ़ क्षेत्र के ललावण्डी गांव से नगर कीर्तन का आयोजन किया गया इसको दूसरे शब्दों में शहीदी चेतना मार्च भी कहा जाता है। नगर कीर्तन शनिवार को ललावंडी से रामगढ होते हुए खानपुर, बिलासपुर होते हुए मिलकपुर पंहुचा रात्रि विश्राम के बाद आज रविवार को अलावडा से इंदपुर, बुर्जा,बकायनका, आलमपुर , रसगण, शेरपुर होते हुए मंडापुर पंहुचेगा। नगर कीर्तन में दूरदराज से आए खालसा पंथ के जत्थों के लडके तलवार बाजी, गतका आदी कलाएं का प्यार करते हुए चल रहे थे। नगर कीर्तन में आगे आगे युवतियां और महिलाएं झाड़ू लगाते चल रही थी पीछे-पीछे मशीन यंत्र द्वारा जल छिड़का जा रहा था और उसके पीछे पंज प्यारे ट्रेक्टर ट्राली में सवार हो कर चल रहे थे और उसके बाद गुरुग्रंथ साहिब जी की सवारी चल रही थी। नगर कीर्तन का सभी गांव में भव्य स्वागत किया गया और जगह-जगह फल और मिठाइयों का प्रसाद वितरित किए गए। नगर कीर्तन में चल रहे सभी धर्म प्रेमियों को मुख से जपो सत नम सत नाम जी निकल रहा था और वाह गुरु जी का खालसा वाहे गुरुजी की फत्ते के जयघोष करते चले रहे थे। इस दौरान ज्ञानी गुरशरण सिंह, गुरनाम सिंह, हरबंस सिंह, हरजिंदर सिंह, सुखदीप सिंह,अमनदीप सिंह, जसविंदर सिंह,गुरदीप सिंह, अमनदीप सिंह,तरनप्रीत सिंह,परमजीत सिंह, सुखचैन कौर, कुलवंत कौर,सतवंत कौर सहित खालसा पंथ के सैकड़ों लोग साथ चल रहे थे।