भीलवाड़ा में खेली गई प्राकृतिक होली चुकंदर का रस, हल्दी-चंदन मुल्तानी मिट्टी मिलाकर लगाया लेप
भीलवाड़ा:- राजकुमार गोयल
जिले में चुकंदर का रस, हल्दी, चंदन, मुल्तानी मिट्टी और टेसू के फूल जैसे प्राकृतिक पदार्थों से बनाए गए मिटी से पारिवारिक होली समारोह का आयोजन हुआ. इसमें बड़ी संख्या में लोग परिवार सहित होली मनाने पहुंचे. सबसे खास बात यह रही कि इस आयोजन को पूरी तरह व्यसन मुक्त और रासायनिक रंगों से दूर रखा गया. युवा, बुजुर्ग महिला और बच्चे बड़ी संख्या में शामिल होकर होली के पर्व का आनंद लिया
लक्ष्मण सिंह राठौड़ बताया की भीलवाड़ा में बड़े धूमधाम से होली का पर्व मनाया जा रहा है. इसमें सबसे प्रमुख आकर्षण का केंद्र लाडो स्पोर्ट्स एकेडमी की ओर से पहली बार प्राकृतिक मिटी की होली का आयोजन किया गया इसमें शहर के सभी सामाजिक लोग और सेवा कार्य से जुड़े लोग परिवार सहित पहुंचकर होली का आनंद लिया इस आयोजन में रासायनिक रंगों से दूर प्राकृतिक मिटी का समावेश किया गया है पार्षद लव कुमार जोशी का मानना है कि होली भारतीय संस्कृति का प्रमुख त्योहार है. इसे प्राकृतिक तौर तरीकों और साधनों से मनाया जाए. इसी परिपाटी को विकसित करने के लिए यह आयोजन किया गया है.
योग व प्राकृतिक चिकित्सक डॉ उमाशंकर शर्मा ने बताया कि होली के पहले स्किन भले ही कितनी भी अच्छी क्यों ना हो पर होली खेलने के बाद स्किन में रैशेज पड़ना, दाने आना और किसी तरह का इन्फेक्शन होना आम बात है। शरीर के किसी भी हिस्से की स्किन पर होली के रंगों का असर हो सकता है। मिटी लेप तनाव व अनिद्रा की समस्या समाप्त होती है। यह ब्लड प्रेशर को संतुलित करता है और इस से त्वचा संबंधी रोगों में चमत्कारी लाभ मिलता है। यह नसों की कमजोरी से होने वाले सभी रोगों में लाभदायक है। कार्यक्रम में स्थानीय लोगों के साथ साथ शहर वासियों ने भी हिस्सा लिया