गंगा दशहरा के अवसर पर छबील लगा धर्म लाभ कमाया
रामगढ (अलवर,राजस्थान/ राधेश्याम गेरा) रामगढ क्षेत्र के कस्बा अलावडा में ब्रज आज गंगा दशहरा के अवसर पर दुकानदारों ने ठंडे पानी ठण्डाई की छबील लगा धर्म लाभ कमाया। गंगा दशहरा के अवसर लगाई जाने वाली छबील का फल गंगाजल के चरणामृत के समान मिलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गंगा दशहरा के दिन गंगा मैया को अपने पूर्वजों के उद्धार के लिए भागिरथ ऋषी धरती पर लाए थे। भागिरथ ऋषि के दादा राजा सग्गर द्वारा अश्वमेघ यज्ञ किया गया था। यज्ञ के दौरान छोडे गए अश्व को इंद्र ने उस अश्व को चुराकर अपने यंहा बांध लिया था उसी अश्व को खोजने के लिए राजा सग्गर के 60 हजार बेटों ने इंद्र पर चढाई की और उस चढाई के खलल से कश्यप ऋषी का ध्यान भंग हो गया और कश्यप ऋषि ने श्राप दे सग्गर के 60 हजार पुत्रों को भष्म कर दिया। शेष बचे एक पुत्र ने कश्यप ऋषि से श्राप वापिस लेने का अनुरोध किया जब कश्यप ऋषि नहीं माने तो उनकी मुक्ति का उपाय पूछा। कश्यप ऋषि द्वारा बताए गए मुक्ति के उपाय के लिए राजा सग्गर के पौत्र भागिरथ ने भारी तप कर भगवान शिव की जटाओं से होते हुए धरती पर लाए और अपने पूर्वजों की मुक्ति कराई। इस दिन गंगा में स्नान करने और गंगा माता का स्मरण करने से मनुष्य को पापों से मुक्ति मिलती है। इसी के मद्दे नजर कस्बा अलावडा के दुकानदारों ने ठंडे शरबत की छबील लगाई। इस दौरान रामकरण सैनी, मंगल सैनी, योगेश छिलवाड़, कन्हैया अरोड़ा,रमेश शर्मा, कुन्ना शर्मा, टीकम सैनी, नरेश शर्मा, विशाल सैनी सहित अनेक युवाओं ने सेवा दी।