कॉपरेटिव बैंक में लोगो ने किया हंगामा, छीना मैनेजर का मोबाइल
कामां ( भरतपुर, राजस्थान/ मुकेश कुमार) जिले के कामां कस्बे में बस स्टैंड के पास स्थित कॉपरेटिव बैंक में तीन दर्जन लोगों ने जमकर उत्पात मचाया और बैंक मैनेजर से गाली गलौज करते हुए मोबाइल छीन लिया। यह घटना बैंक में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। इस मामले में बैंक मैनेजर ने थाने में मामला दर्ज करवाया है। वहीं, उत्पाद करने वाले लोगों ने कामां कोऑपरेटिव मैनेजर और सचिव के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने दोनों पक्षों की ओर से मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं, पुलिस घटना के सीसीटीवी फुटेज खंगालने में लगी हुई है। बैंक में हंगामे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें साफ दिख रहा है कि कुछ लोगों बैंक मैनेजर से बात कर रहे है। इस दौरान काफी देर तक बहस होती रहती है। तभी बैंक मैनेजर पुलिस को फोन करने के लिए अपना मोबाइल हाथ में लेता है। लेकिन, बैंक में उत्पाद मचाने वाले लोग मैनेजर का मोबाइल छीन लेते है और बहस करने लगते है। हालांकि, वीडियो में यह पता नहीं चल पा रहा है कि आखिर किस बात को लेकर झगड़ा होता है। बैंक मैनेजर रवि आर्य ने बताया कि 29 मई की सुबह मैं बैंक में था। तभी बिहारी शरण यादव निवासी आमूका अपने बेटे सनेश और मनीष यादव के साथ बैंक आकर कागजात देते है। इस दौरान दर्जनों लोग उनके साथ आए थे। जब कागजात पेश करने के सम्बन्धित व्यक्ति से कागजात की पुष्टि करने को रजिस्टर व अन्य दस्तावेज मांगे गए तो बिहारी शरण यादव ने जबरन साइन करने के लिए दबाव बनाया। तभी उसके दोनों बेटे गाली- गलौच शुरू कर देते हैं और मेरा मोबाइल फोन भी छीन लिया। इन लोगों ने मेरे साथ हाथापाई करने की भी कोशिश की। तभी बैंक में लोगों ने बीच बचाव कर मामला शांत कराया। हस्ताक्षर नहीं करने पर आरोपियों ने जान से मारने की धमकी दी। इस दौरान आरोपियों ने बैंक में करीब 20 मिनट बैंक में उत्पाद मचाया। आरोपियों की ये हरकत बैंक में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई है। इधर, सतवास ग्राम सहकारी समिति अध्यक्ष राजेश यादव ने कोऑपरेटिव बैंक के मैनेजर रवि आर्य और सचिव रामेश्वर के खिलाफ फसल ऋण में धोखाधड़ी करने का मामला कामां थाने में दर्ज कराया है। रिपोर्ट के मुताबिक लोगों ने आरोप लगाया कि बैंक मैनेजर रवि आर्य व सचिव रामेश्वर हमारे फसली ऋण का भुगतान नहीं कर रहे है और राशि निकालने के लिए करीब 15 दिन पूर्व ही अंगूठा लगवा लिए है। इन लोगों को गुप्त तरीके से पता किया तो पता चला कि मैनेजर व सचिव ने षडयंत्र रचकर सभी किसानों के पैसे सचिव के खाते में ट्रांसफर कर लिए है। लेकिन हमारे ऋण का भुगतान नहीं कर रहा है। ग्राम सेवा सहकारी सतवास के सदस्य व किसानों को लेकर बैंक गए तो मैनेजर ने गाली-गलौच की। पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू गलौच शुरू कर देते है। और मेरा मोबाइल भी छीन कर दी है।