गुरलाँ तालाब में कचरे का अंबार: जिम्मेदार बने अनजान
कचरे को खाती गायें, कचरा प्रबंधन नहीं
गुरला (भीलवाडा, राजस्थान/ बद्रीलाल माली) गुरलाँ नेशनल हाईवे 758 स्थित गुरला का रणजीत सागर जहाँ देश आजादी के 75 वर्ष पर अमृत महोत्सव मना रहा है और राज्य सरकार व केन्द्र सरकार के करोड़ों रूपये साफ सफाई के लिए ग्राम पंचायतों को फण्ड देतीं हैं परन्तु भीलवाड़ा जिले के हाइवे 758 के किनारे बसें गुरलाँ गाँव में नहीं तो समयानुसार साफ सफाई व नही कचरा प्रबंधन के अभाव में गुरलाँ तालाब में कचरे का अंबार लगा हुआ है जो कुछ ही दुरी पर पेयजल का कुआँ भी है जिससे पानी दुषित हो रहा है
पालतू व आवारा जानवर कचरे को खाने से बीमार होकर असमय ही मौत हो रही है, कचरा प्रबंधन के लिए ग्राम पंचायत इस और ध्यान नही दे रहीं हैं गुरलाँ हाइवे से प्रशासनिक अधिकारी व जनप्रतिनिधियों का ध्यान भी इस और आकर्षित नहीं हो रहा है पर्यटन स्थल के रूप में रणजीत सागर तालाब के पास पहुचते ही कचरे से बदबूदार हवा मिलतीं है कचरे के कारण पर्यटन स्थल के रूप में पहचान खत्म हो रही है, प्रशासनिक अधिकारी व जनप्रतिनिधियों और कार्यकारी संस्था कचरे प्रबंधन पर ध्यान दें