तालाब में घुलता जहर: असामाजिक तत्वों ने बढ़ाई जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की परेशानी, बार-बार नाले को तोड़कर छोड़ा जा रहा गंदा पानी
भीलवाड़ा (राजस्थान/ राजकुमार गोयल) भीलवाड़ा के उपनगर पुर का बड़ा तालाब जो कई वर्षों पुराना तालाब है और उपनगर में चार पार्षद ओर एक सहवर्त पार्षद होने के बावजूद इस बड़े तालाब की जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों द्वारा नजरअंदाज करने से यह तालाब लगातार गंदगी का, कूड़ेदान का अवैध खनन कर्ताओं का अड्डा बनता जा रहा है इस तालाब के माध्यम से आसपास के खेतों में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध रहता था परंतु आज यह तालाब लगातार गंदगी का अंबार बनता जा रहे हैं इस संबंध में कहीं बार यहां के क्षेत्रीय पार्षद, नगर परिषद के अधिकारियों ,सिंचाई विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया गया परंतु इस समस्या पर अभी तक किसी भी अधिकारी का ध्यान नहीं गया, कहीं ना कहीं यह यहां के जनप्रतिनिधियों की कमी के कारण यह तालाब अपनी सुंदरता लगातार खो रहा है और कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा लगातार सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा कर तालाब में गंदा पानी छोड़ने का कार्य किया जा रहा है।
इस संबंध में कहीं बाहर उस नाले को सही करवाया गया परंतु कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा लगातार उस नाले को तोड़कर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम किया जा रहा हैं इसके बावजूद नगर परिषद के अधिकारी असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई नहीं करते हुए तालाब के अंदर जाने वाले गंदे पानी को रोकने में असमर्थ रहे हैं इसके चलते यह तालाब लगातार गंदे पानी से खराब हो रहा है जहरीला हो रहा है कहीं लोगों को चर्म रोग हो रहे हैं और इस गंदे पानी से कई मवेशी मौत के शिकार हो चुके हैं चारों ओर अंग्रेजी बबूल झाड़ झंकाल हो गए हैं और अवैध खनन कर्ताओं द्वारा लगातार तालाब से मिट्टी दोहन का कार्य किया जा रहा है परंतु इस पर भी खनिज विभाग मौन हैं।
एक तरफ तो राज्य सरकार द्वारा अमृत सरोवर के माध्यम से विभिन्न तालाबों की साफ-सफाई का कार्य करवाकर लोगों को शुद्ध पानी पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं परंतु यहां के अधिकारी तो लगातार इसकी अनदेखी करते हुए इस पर किसी तरह का कोई एक्शन नहीं ले रहे हैं और तालाब के मध्य बनी ऐतिहासिक 8 खंभों की छतरी जो अपना अस्तित्व खोने के कगार पर हैं वह कभी भी अपना अस्तित्व खो सकती है इस संबंध में भी कहीं बाहर अवगत कराया गया परंतु अधिकारियों द्वारा इसकी भी अनदेखी की गई नगर परिषद द्वारा बनाए गए स्नान घाटों का भी हाल इस कदर है कि वहां स्नान की बात तो छोड़ कर बैठा भी नहीं जा सकता लोगों द्वारा खुले में शौच लगातार किया जा रहा हैं
नगर परिषद के ओडीएफ कार्यक्रम को यहां की जनता ठेंगा दिखा रही हैं इसके बावजूद अधिकारी कुछ करने में असमर्थ हैं इस गंदगी के चलते आसपास का वातावरण भी दूषित हो गया है इस गंदे पानी की समस्या को लेकर जब वार्ड पार्षद सूरज विश्नोई से बात की तो उन्होंने बताया कि इस नाले को कई बार सही करवाया गया है परंतु आसपास के असामाजिक तत्वों द्वारा इसको बार-बार तोड़ दिया जाता है इसके चलते गांव का गंदा पानी तालाब के अंदर जा रहा है
सर्कल इंस्पेक्टर और जमादार ने भी कहा है कि हमने कई बार इसको सही किया है इसके बावजूद लगातार असामाजिक तत्वों द्वारा इसे तोड़ा जा रहा हैं और बार-बार कहने के बावजूद भी नहीं मान रहे हैं और गांव के गंदे पानी को तालाब के अंदर छोड़ने का कार्य उनके द्वारा किया जा रहा है सर्कल इंस्पेक्टर द्वारा इसके ऊपर चार्ट सीट भी नगर परिषद में लगा रखी है परंतु अभी तक इस पर कोई उचित कार्रवाई नहीं हो रही है जिसके चलते तालाब के अंदर आया हुआ नया पानी भी लगातार गंदा हो रहा है और जहरीला होता जा रहा है