आचार्य श्री के मंगल प्रवेश के साथ प्रतिष्ठा महोत्सव शुरू: दिनभर मंदिर में हुए धार्मिक विधान, गूंजे महावीर के जयकारे
वैर (भरतपुर,राजस्थान/ कौशलेंद्र दत्तात्रेय) उपखंड वैर के गांव सिरस स्थित जैन श्वेताम्बर मंदिर में 23 देवकुलिकाओं एवं यक्ष-यक्षिणी की अंजनशलाका एवं प्रतिष्ठा महोत्सव मंगलवार से शुरू हो गया। जैनाचार्य मरूधर रत्न रत्नाकर सूरीश्वर जी का महावीर के जयकारों के बीच मंगल प्रवेश कराया गया। दीपक एवं कलश स्थापना के साथ शुरू हुए महोत्सव के तहत दिनभर मंदिर में पूजा-अर्चना का दौर चला। इससे सिरस गांव धर्ममय हो गया।
महोत्सव आयोजन प्रचार-प्रसार समिति प्रभारी राजेश जैन ने बताया कि बैण्डबाजे एवं कलश यात्रा के साथ जैनाचार्य एवं अन्य साधु-साध्वियों को सिरस मोड़ से जुलूस के रूप में लाया गया। जुलूस में खेड़लीगंज से आई महिलाएं अपने सिर पर कलश लेकर चल रही थीं। युवा धर्म पताकाओं को लिए बैण्डबाजे पर बज रहे भजनों की धुन पर नृत्य करते हुए चल रहे थे। उनके पीछे जैन अलर्ट ग्रुप ऑफ इण्डिया की सैटेलाइट अहमदाबाद शाखा के कार्यकर्ता बैण्ड पर घोषवादन करते हुए चले। जैन धर्मावलम्बी आचार्य एवं अन्य जैन मुनियों को साथ लेकर भगवान महावीर के जयकारे लगाते हुए चले। पीछे-पीछे साध्वी डॉ. प्रियदर्शना, सुदर्शना श्री, सोम्यप्रभा आदि ठाणा, संयमलता आदि ठाणा एवं महिलाएं मंगलगीत गाती हुई चलीं। जुलूस में आगे-आगे चल रहा धर्म ध्वज आकर्षण का केंद्र रहा। करीब एक किलोमीटर तक जैन धर्मावलम्बी भजन-कीर्तन करते हुए चले। इससे गांव का माहौल जिनमय हो गया। जुलूस में वैर, भुसावर, खेड़लीगंज, अलवर, बयाना, जयपुर, भरतपुर, हिण्डौनसिटी, महवा सहित गुजरात, मध्यप्रदेश आदि क्षेत्रों से काफी संख्या में जैन श्रावक-श्राविकाएं शामिल हुए।
मंदिर पहुंचने पर समिति ने की अगुवानी
जुलूस के मंदिर पहुंचने पर प्रतिष्ठा आयोजन समिति संयोजक रिद्धीचंद जैन एवं मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष महावीर प्रसाद जैन ने नारियल लेकर आचार्य श्री एवं अन्य साधु-साध्वियों की अगुवाई की। जैसे ही आचार्य एवं अन्य साधु-साध्वियों ने मंदिर के दरवाजे पर पैर रखे चारों ओर भगवान के जयकारे गूंजने लगे। फिर आचार्य एवं अन्य सभी ने मंदिर में पहुंच भगवान महावीर की अतिशयकारी प्रतिमा के दर्शन कर चैत्यवंदन किया। बाद में नवीन उपाश्रय में हुए प्रवचनों में आचार्य ने बताया कि किसी कार्य को करने में हम केवल निमित्त बनते हैं, जबकि वास्तविकता में प्रभु ही हमसे वह कार्य कराते हैं। उन्होंने प्रतिष्ठा का महत्व बताते हुए च्यवन, जन्म, दीक्षा, निर्वाण आदि कल्याणकों के बारे में बताया।
दिनभर हुए मंदिर धार्मिक कार्यक्रम
महोत्सव के प्रथम दिन मंदिर में दिनभर धार्मिक कार्यक्रमों का दौर चला। विधि कारक शाह संजयभाई, सोमाभाई द्वारा विधि विधान से कुंभ व दीपक स्थापना के बाद माणेकस्तम्भ रोपण, तोरण बांधना, जेवरारोपण, लघु नंद्यावर्त पूजन, क्षेत्रपाल पूजन, भैरव पूजन, सोलविद्यादेवी पूजन, नवग्रह पूजन, नवपद पूजन, वीशस्थानक पदपूजन आदि धार्मिक कार्यक्रम कराए गए। भजन-संगीत मण्डली द्वारा भजनों की प्रस्तुतियां दी गईं। महोत्सव समिति सहसंयोजक महेन्द्र जैन ने बताया कि बुधवार को च्यवन कल्याणक विधान, माता-पिता स्थापना, इन्द्र-इन्द्राणी स्थापना, चौदह स्वप्न दर्शन आदि कराए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि सिरस जैन तीर्थ में प्रतिष्ठा महोत्सव 1 मई तक चलेगा। जिसमें दूर-दराज से जैन धर्मावलम्बी शामिल हो होंगे।