सेवारत व सेवानिवृत्त विधुत कर्मियों ने पेंशन की विसंगतियों को लेकर मुख्यमंत्री से लगाई गुहार
खैरथल (अलवर, राजस्थान/ हीरालाल भूरानी) सीपीएफ विधुत कर्मचारी कल्याण समिति के प्रभारी श्यामलाल शर्मा ने सेवारत, सेवानिवृत्त और विधवाओं को पेंशन विसंगतियों को लेकर पत्र लिखा है। पत्र में सामाजिक सुरक्षा की भावना से समिति द्वारा प्रस्तुत दया याचिका के मध्ये नजर पेंशन विकल्प खोलने की घोषणा की थी।
परन्तु वित्त विभाग ने 21 फरवरी व 20 अप्रैल 2023 के क्रियान्वित आदेशो से स्पष्ट कर दिया है कि मोटा पैसा (15 से 30 लाख) जमा कराने पर ही पेंशन लेकर कर्मचारी,विधवाऐं सामाजिक सुरक्षा प्राप्त कर सकते है।
वित्त विभाग के आदेशो के अनुसार कर्मचारी,विधवाऐं सेवानिवृति अंशदान का पैसा 12 प्रतिशत ब्याज के साथ एकमुश्त जमा कराकर तथा नियोक्ता का ईपीएफओ में जमा पैसा भी 12 प्रतिशत ब्याज के साथ एकमुश्त जमा कराने पर ही विकल्प स्वीकार किया जायेगा । इस प्रकार सिर्फ वहीं कर्मचारी इसका फायदा ले पायेंगे जो अभी सेवा में है या जो दो तीन वर्ष पूर्व सेवानिवृत हुए है जिनमें से ज्यादातर कर्मचारियों ने अपना पैसा ड्रॉ नहीं किया है । -
इस प्रकार जिन कर्मचारियों,विधवाओं के लिये आपने जिस सामाजिक सुरक्षा की भावना के तहत पेंशन विकल्प खोलने की घोषणा बजट में की थी ये सारे के सारे सेवानिवृत कर्मचारी पुनः पेंशन और सामाजिक सुरक्षा से वंचित हो गये है।
जिनमें लगभग 400 विधवाऐं और 1500 सेवानिवृत कर्मचारी दयनीय स्थिति में है, जो लम्बे समय से आस लगाये बैठे थे आज उनमें मातम जैसी निराशा व्याप्त है।
उन्होंने कहा है कि समिति द्वारा दो वर्ष पूर्व में दिये गये प्रस्ताव की कर्मचारी की सेवानिवृति से 31मार्च .2023 तक पेंशन की काल्पनिक गणना कर नियोक्ता के अंशदान में समायोजन कर लिया जाये । कर्मचारी पर निकले जमा करवा लिया जाये और 01अप्रेल.2023 से पेंशन दी जाये । जिससे मुख्यमंत्री की मानवीय दृष्टिकोण से सामाजिक सुरक्षा की भावना का पालन हो सके, वहीं दूसरी ओर जरूरतमंदो को दो जून की रोटी मिल सके ।