गोविंदगढ़ क्षेत्र मे नहरी पानी की मांग को लेकर किया जनसंपर्क, किसानों ने ईआरसीपी अंदोलन को किया समर्थन
नसवारी (गोविंदगढ़)
गोविंदगढ़ कस्बे के नसवारी गांव में भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रतिनिधि मंडल ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को लेकर जनसपर्क किया और नहरी पानी पानी की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के लिए क्षेत्र के लोगो से समर्थन भी मांगा और ईआरसीपी प्रोजेक्ट की जानकारी लोगो को दी। भाकियू (चढूनी) के जिला अध्यक्ष वीरेंद्र मोर और मौलाना हनीफ ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा की क्षेत्र में गिरता जलस्तर बड़ी समस्या बना हुआ है वर्षो से नदी नाले बांध सूखे पड़े है ऐसे में खेती के लिए पानी की कमी लगातार पनपती जा रही है अगर क्षेत्र में नहरी पानी नही आता तो आगामी समय में क्षेत्र से पलायन की स्थिति पैदा होगी। गौरतलब है की 2017 में बने ईआरसीपी प्रोजेक्ट के तहेत पूर्वी राजस्थान के अलवर सहित 13 जिलों में चंबल कालीसिंध और पार्वती जैसी नदियों का पानी लिफ्ट कर के पेयजल, सिंचाई और उद्योगों की आपूर्ति करना था लेकिन ईआरसीपी प्रोजेक्ट से अलवर जिले का सिर्फ जयसमंद बांध जोड़ा गया है और सारा पानी अलवर शहर और डीएमआईसी इंडस्ट्रीज को दिया गया है जबकि चंबल के पानी पर पहला हक किसान का है इसलिए राज्य सरकार से लगातार मांग कर रहे है की ईआरसीपी की डीपीआर में संशोधन कर के क्षेत्र के छूटे सभी नदी नालों बांधो को ईआरसीपी की डीपीआर में जोड़ा जाए ताकि किसानो को नहरी पानी उपलब्ध हो सके और केंद्र सरकार जिसने यह प्रोजेक्ट 5 सालो से अटका रखा है इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करे ताकि जल्दी से काम शुरू हो सके। इस दौरान बलजीत औलख, मौसम खान, श्रीराम गुर्जर, मुबीन समसुदीन,मंगल सिंह अध्यापक, मंजीत सिंह, सिन्हा, कासम व समस्त ग्रामीण उपस्थित रहे