84 वर्षीय रामचरण शर्मा लंबरदार का हृदय गति रुकने से निधन
मानखेड़ा जाने वाले सड़क मार्ग पर उनके पैतृक खेतों पर किया गया अंतिम संस्कार,,, बड़े पुत्र केदार शर्मा के द्वारा मुखाग्नि दी गई
अलवर जिले में कुल 137 नंबरदार हुआ करते थे जिनके द्वारा किसानों से कर के रूप में पैसा एकत्रित कर राजकोष में जमा कराया जाता था।
कठूमर (अलवर, राजस्थान/ अशोक भारद्वाज) कठूमर उपखंड क्षेत्र के ग्राम हनुमंता निवासी 74 वर्षीय सुंदरलाल ब्राह्मण ने बताया कि सन 1952 तक नंबरदारी प्रथा खत्म होने से पूर्व लगभग 71 वर्ष पूर्व 1192 बीघा की भौंरे लाल शर्मा, मांगी लाल शर्मा आदि नंबरदारो के द्वारा भेज उगायी जाया करती थी। आठवें नंबरदार के रूप में राम चरण शर्मा अध्यापक के नेतृत्व में हनुमंता में भेज उगाई गई थी। तब उनके साथ बिजला बरखेडा के लठैत साथ हुआ करते थे। पटवारियों के सहयोगी के रूप में भेज एकत्रित कर अलवर राज कोष में भेजा करते थे। नंबरदार परिवार का बड़ा लड़का पैतृक रूप से ग्रामीण भाषा में जय श्री राम जय लंबरदार हो जाया करता था, और समस्त जिम्मेदारी उसी को निभानी होती थी। तथा गत अगस्त माह 2022 में अलवर राजघराने में भंवर जितेंद्र से मुलाकात हुई थी। जिनके साथ में कठूमर के लंबरदार के रूप में लोकमन चौधरी भी साथ रहे थे।
अंतिम संस्कार में ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष झब्बू राम शर्मा, विधायक प्रतिनिधि जगराम शर्मा, पतंजलि योग समिति के तहसील प्रभारी योगेश भारद्वाज, आरएसएस के सह खंड कार्यवाह पवन शर्मा, क्रय विक्रय समिति उपाध्यक्ष रतनी पाराशर, पूर्व पंचायत समिति सदस्य रमेश चौधरी, वैष्णवी कॉलेज के व्यवस्थापक खैम सिंह डागुर, सहित करीब एक दर्जन गांवों के अनेक गणमान्य लोग व सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे।