पौंख में संत विश्राम दास का देवलोक गमन, अंतिम दर्शनों के लिए उमड़ा भक्तों का सैलाब
महाराज को पालकी में बैठाकर गाजे-बाजे के साथ पुष्प वर्षा कर राम नाम के जयकारों के साथ दी अंतिम विदाई---- प्रसिद्ध सिद्ध महापुरुष जयराम दास महाराज के देह त्याग के बाद 1994 में बावड़ी गद्दी पर बैठे थे विश्राम दास
उदयपुरवाटी (सुमेर सिंह राव)
उदयपुरवाटी उपखंड क्षेत्र के पोंख में स्थित ब्रह्मलीन महंत जयराम दास महाराज की बगीची के संत विश्राम दास का शुक्रवार देर शाम देवलोक गमन हो गया। महाराज पिछले काफी समय से अस्वस्थ चल रहे थे। शुक्रवार शाम उन्होंने अंतिम सांस ली। शनिवार को उनके अंतिम दर्शनों के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। महाराज के पार्थिव देह को पालकी में बैठाकर वाहन में रखकर गाजे-बाजे से राम नाम के जयकारों के साथ गांव के मुख्य मार्गो से होते हुए अंतिम यात्रा निकाली गई। अंतिम यात्रा पर भक्तों द्वारा जगह-जगह पुष्प वर्षा की गई। वैष्णवी संतों के सानिध्य में संत परंपरानुसार महाराज को बगीची में स्थित बावड़ी में बामलास धाम के महंत लक्ष्मण दास महाराज, माधव दास नरसिंहपुरी, रामनारायण दास उदयपुरवाटी, मनोहर दास उदयपुरवाटी, घनश्यामदास खंडेला, बजरंगदास कोटड़ी, भारत दास कोटड़ी, श्रवण दास बुहाना, भुजपाल दास मालकेतु धाम, बजरंग दास, रामाज्ञा दास, रघुवर दास, तुरंत दास आदि संत-महात्माओ के सानिध्य में समाधि दी गई।
गौरतलब है कि विश्राम दास महाराज शुरू से ही आध्यात्मिक थे। उनके बचपन का नाम रिसालदास था। महाराज बचपन से ही जयराम दास महाराज के आश्रम में सेवा के लिए जाया करते थे। वक्त बदला सन् 1994 में महान संत जयराम दास महाराज का देवलोक हो गया। तत्कालीन महंत जयराम दास महाराज ने अपने अंतिम समय में कहा था कि आगे मंदिर की सेवा विश्राम दास करेंगे। बचपन से आश्रम से जुड़े सुरेश मीणा किशोरपुरा ने बताया कि जयराम दास महाराज उस समय के सिद्ध महापुरूष थे और उनकी ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई थी। जयराम दास महाराज के अनेक भक्त बड़े बड़े मुकाम पर है। इस दौरान एडवोकेट गोकुल सिंह शेखावत, भाजयुमो जिलाध्यक्ष जयसिंह मांठ, ताराचंद शेरावत, सुधीर मीणा किशोरपुरा, राजेश खटाणा, पंकज मीणा, शिवम सिंह गुढा, बजरंग पहलवान, विनोद मेघवाल, गोपाल सिंह शेखावत, राजू, धर्मेंद्र सिंह, दीवाना राम गुर्जर, गोपाल सिंह मील, पूर्व उपसरपंच नरेंद्र सिंह, प्रधान प्रतिनिधि महिपाल सिंह, भोलाराम गुर्जर नाका, ध्वल खटाणा, ताराचंद गुर्जर सहित काफी संख्या में भक्त श्रद्धालु मौजूद रहे।