दसलक्षण महापर्व में विशेष पूजा अर्चना हुई आयोजित: उत्तम तप धर्म की आराधना
कामां (भरतपुर, राजस्थान) दसलक्षण महापर्व के अंतर्गत कस्बें के स्थानीय चारों दिगंबर जैन मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना जैन श्रावक और श्राविकाओं के द्वारा की जा रही है। इसी श्रंखला में कोट ऊपर स्थित आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में दसलक्षण महामंडल विधान का आयोजन जैनाचार्य विनीत सागर महाराज ससंघ के सानिध्य एवं ब्रह्मचारिणी मणि दीदी झांसी के निर्देशन में आयोजित किया जा रहा है जिसमें सातवें दिवस उत्तम तप धर्म की आराधना की गई।
विधान के दौरान जैनाचार्य विनीत सागर ने कहा कि अब तक उत्तम क्षमा,मार्दव,आर्जव, शौच, संयम, सत्य धर्म को जानकर विनम्रता, मृदुता, सरलता, शुचिता, नियंत्रणता, सत्यता जैसे गुणों को अंगीकार किया। आज आप इच्छाओं के निरोध करने से भलीभांति परिचित हो जाए। उन्होंने कहा कि आज का धर्म यही बतलाता है कि संसार सागर में भ्रमण करने से दुख ही दुख प्राप्त हुए हैं अत:अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण कर स्वयं को तप की अग्नि में तपाओ जिससे संसार सागर से पार हो सके। जिस प्रकार अग्नि में तप कर सोना कुंदन बनता है उसी प्रकार जीवन भी इसी प्रकार है उसे भी तपाना पडता है। इस अवसरपर प्रतिदिन सांध्यकालीन भक्ति संगीत,सामूहिक आरती,दस धर्मो पर प्रवचन श्रंखला, प्रश्न मंच, भजन, पुरुष्कार वितरण के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। अनन्त चतुर्दशी 9 सितम्बर को:-जैन धर्म के सबसे बड़ा पर्व अनन्त चतुर्दशी 9 सितम्बर को मनाया जाएगा। इस दिन अनेको जैन लोगो के द्वारा व्रत उपवास रख उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की आराधना की जाएगी।