हर्षोउल्लास से मनाया स्वामी जीवनमुक्त महाराज जी का जन्मोत्सव, सजी छप्पन भोग की झांकी
खैरथल,अलवर (हीरालाल भूरानी)
प्रेम प्रकाश आश्रम खैरथल के संत इन्द्र प्रेमप्रकाशी ने कहा कि ब्रह्मचर्चा, आत्मज्ञान का सत्संग ऐसा है कि यह समझ में नहीं आये तो क्या, सुनायी नहीं देता हो तो भी इसमें शामिल होने मात्र से इतना पुण्य होता है कि व्यक्ति के जन्मों-जन्मों के पाप-ताप मिटने लगते हैं,पूरे परिवार का कल्याण होने लगता है। फिर जो व्यक्ति श्रद्धा एवं एकाग्रतापूर्वक सुनकर इसका मनन करे उसके परम कल्याण में संशय ही क्या? ये प्रवचन संत इन्द्र प्रेमप्रकाशी ने गुरुवार शाम को प्रेम प्रकाश आश्रम खैरथल में स्वामी जीवनमुक्त महाराज के जन्मोत्सव के तहत आयोजित कार्यक्रम में सतसंग प्रवचन के दौरान कहे। सतसंग- प्रवचन के दौरान संत उमेशलाल प्रेमप्रकाशी,भगत माणकचंद ने सत्संग-प्रवचन के माध्यम से स्वामी जीवनमुक्त महाराज जी की जीवनी पर प्रकाश डाला। स्वामी जीवनमुक्त महाराज के जन्मोत्सव के तहत बुधवार को प्रातः 7:15 बजे से 8:30 बजे तक प्रार्थना,चालीसा पाठ, गुरुप्रार्थनाष्ट,कष्ट हरण अष्टक, सोलह शिक्षाये, आरती की गई। साय 5 बजे से 7:30 बजे तक आश्रम में सत्संग प्रवचन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस दौरान आश्रम में छप्पन भोग की झांकी सजाई गई। शाम 7:30 बजे श्रद्धालुओं द्वारा केक काटकर स्वामी जीवनमुक्त महाराज जी का जन्मोत्सव हर्षोल्लास से मनाया गया। इस दौरान सैकड़ो लोगो ने स्वामी टेऊँराम जी महाराज, स्वामी जीवनमुक्त महाराज की प्रतिमा सहित सभी संत महात्माओं की प्रतिमाओं के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। कार्यक्रम के अंत मे संतो द्वारा पल्लव पाकर जन्मोत्सव का समापन कर छप्पन भोग प्रसाद वितरित किया। साय 8 बजे आयोजित भण्डारे में सैकड़ो लोगो ने प्रसाद ग्रहण किया।इस दौरान प्रेम प्रकाश सेवा मंडल एवं महिला मंडल ने व्यस्थाओं को बनाये रखा।