दूल्हों ने पेश की मिसाल, बिना दहेज के शादी, एक रुपया और नारियल ले घर लाए दुल्हन
मकराना,नागौर (मोहम्मद शहजाद)
मकराना में दूल्हों ने समाज के लिए बिना दहेज के शादी करके एक मिसाल प्रस्तुत की। ससुराल पक्ष से केवल एक रुपया और नारियल लेकर दुल्हन को विदा कराकर घर लाये। दूल्हों के इस फैसले की चारों ओर प्रशंशा हो रही है। मकराना उपखंड के गांव जाखली के सरपंच प्रतिनिधि रतनाराम भामू के परिवार में चैनाराम भामू की तीन ल़डकियों की शादी मंगलवार को संपन्न हुई। दुल्हन सुनीता-रामूराम पौड़, वर्षा-राकेश पौड़ निवासी बुड़सू एवं पूजा-प्रकाश कसवां निवासी आकोदा के साथ रचाए विवाह में दूल्हों एवं उनके परिवार ने शगुन के तौर पर एक रुपया और नारियल लेकर एक मिसाल कायम की है। दरअसल, दुल्हन पक्ष द्वारा दहेज में एक लाख इक्यावन हजार रुपये देने की पेशकश की। तीनों ही दूल्हों ने एक स्वर में कहा कि हम शुरू से ही लड़कियों को उच्च शिक्षा देने का हिमायती रहे है। साथ ही दहेज प्रथा, भ्रूण हत्या और नशे जैसी बुराइयों का कड़े विरोधी रहे हैं। जब उसके रिश्ते की बात जाखली निवासी और मकराना कोर्ट में कार्यरत चैनाराम भामू की बेटियों के साथ चली तो दूल्हों एवं उनके परिवार ने पहले ही दहेज न लेने की बात सोच रखी थी।
बेटों से परिवार भी काफी प्रभावित, मानी बात
दूल्हे रामूराम एवं राकेश पौड़ ने कहा कि एक शिक्षित युवती से उसका विवाह होना ही उसके लिए सबसे बड़ा दहेज होगा। बुड़सू निवासी दूल्हों की इस बात से उनके ताऊ भँवरलाल एवं मामा नटवर भाकर भी खुश दिखे तथा दूल्हा प्रकाश के फैसले से उनके पिता रामनिवास कसवां ने भी तारीफ की। दामादों की दृढ़ इच्छा को भांपते हुए एवं काफी समय तक मान मनोवल के बाद सरपंच रतनाराम भामू एवं दुल्हन के चाचा छोगाराम एवं गोपाल भी बगैर दहेज शादी के लिए राजी हो गए। ग्राम जाखली में सादगी से संपन्न हुए विवाह समारोह में नवदंपती को आशीर्वाद देने के लिए अनेक जनप्रतिनिधियों सहित आमजन भी पहुंचे। सरपंच रतनाराम ने कहा कि हमारे दामादों द्वारा बगैर दहेज शादी समाज के लिए गर्व की बात होने के अलावा एक मिसाल बन गई है। समाज में इस तरह की शादियां होना अच्छी पहल है।
इस अवसर पर पंचायत समिति सदस्य प्रेम प्रकाश मुरावतिया, भंवराराम डूडी, चेनाराम मुरावतिया, पदमाराम भामू, सुखाराम भामू, कानाराम मुवाल, गोपीराम गिला, हेमाराम खिलेरी, मोडूराम गिला, प्रहलाद डेरु सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।