नवनिर्मित जैन तीर्थधाम पर नौ दिवसीय अंजनशलाका महोत्सव का आचार्य भगवंतों की चरण रज से हुआ हुआ शुभारंभ
अंता (शफीक मंसूरी)
बारां 17 मई नवनिर्मित श्री जय त्रिभुवन विमल विहार तीर्थधाम ग्राम बमूलिया के पावन प्रांगण में प्रकट प्रभावी श्री गुणवर्धन शंखेष्वर पाष्र्वनाथ भगवान के प्रभू प्रवेषोत्सव अंजन शलाका प्रतिष्ठा महोत्सव के 9 दिवसीय कार्यक्रम का आचार्य भगवंतो के मंगल प्रवेष के साथ बुधवार से शुभारम्भ हुआ।
तीर्थ निर्माण समिति अध्यक्ष कल्पेष भाई वी.शाह एवं संयोजक प्रकाषन्द के.संघवी सिरोडीवाला, अहमदाबाद ने बताया कि ट्रस्ट के प्रेरणस्त्रोत राज्य के खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया की प्रेरणा से निर्मित श्री जय त्रिभुवन विमल विहार तीर्थधाम ग्राम बमूलिया के पावन प्रांगण में प्रकट प्रभावी श्री गुणवर्धन शंखेष्वर पाष्र्वनाथ भगवान के प्रभू प्रवेषोत्सव अंजन शलाका प्रतिष्ठा महोत्सव श्री जय त्रिभुवन विमल विहार तीर्थधाम पर बुधवार को प्रातः 6 बजे कलिकुंड तीर्थोद्वारक पू.आ.म श्रीमद् विजय राजेन्द्र सूरीष्वरजी महाराजा सुुल्तान तीर्थाद्वारक गच्छाधिपति प.पू.आ.दे. श्रीमद् विजय राजषेखर सूरीष्वर जी महाराजा, मरूधर रत्न प.पू.आ.दे.श्रीमद् विजय रत्नाकर सूरीष्वर जी महाराजा, परम पूज्य आचार्य देव श्री नवरत्न सागरसूरीष्वरजी महाराजा, आचार्य भगवंत मालव विभूषण अति प्राचीन श्री मक्षीजी तीर्थोद्वारक परम पूज्य आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय वीररत्न सूरीष्वर जी महाराजा, तपस्वी रत्न-गुरूकृपा प्राप्त परम पूज्य आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय पदमभूषण रत्नसूरीष्वर जी महाराजा एवं गुरूकृपा प्राप्त कार्यकुशल परम पूज्य आचार्यदेव श्रीमद् विजय निपुणरत्न सूरीष्वर जी महाराजा आदि श्रमण वृंद एवं सरल स्वभावी पूज्य साध्वीवर्या श्रीभक्तिरेखा श्रीजी म.सा. आदि ठाणा का मंगल प्रवेश हुआ। आचार्य भगवंतों के कर कमलों से फीता काटकर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया।
श्रीमती उर्मिला जैन भाया ने बताया कि नवनिर्मित तीर्थधाम पर आचार्य भगवंतों का सकल जैन श्रीसंघ के साथ मंगल प्रवेष हुआ। कोटा रोड स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग पर गाजे-बाजे के साथ धार्मिक भजनों पर झूमते, नाचते समाजबधंु मस्ती में मंत्रमुग्ध होकर झूमते-नाचते आचार्य भंगवतों के साथ नारे लगाते हुए चल रहे थे। श्रीमती भाया ने बताया कि प्रातःकाल आचार्य भंगवतों का मंगल प्रवेष तीर्थधाम पर हुआ तथा मांगलिक प्रवचन हुए। दोपहर को सकल श्रीसंघ का स्वामि वात्सल्य, दोपहर को जल यात्रा विधान, रात्रि को प्रभूभक्ति भावना कार्यक्रम सम्पन्न हुए। आज वाराणसी नगर, सुधर्मा नगरी, चंदनबाला नगरी, अतिथि नगर, भरत चक्रवर्ती भोजनखण्ड आदि के उद्घाटन हुए। प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए 30 किलोमीटर क्षेत्र में स्थित कुंआ बावडी से जल भर कर लाया गया।