घटिया निर्माण से बनी नहर की पोल खुली , हल्की बरसात में बह गई पहाडी वितरिका की भौरी से भोजाका माइनर नहर
पहाडी,भरतपुर(भगवानदास)
पहाड़ी- सरकारी की योजना अनुसार सिचाई विभाग के निर्देशन में गत दिनो डेढ करोडो रूपयो की लागत से बनी पहाडी वितरिका के घटीया निर्माण सामग्री के उपयोग के कारण बनते ही पूरी तरह से घ्वस्त हो गई है। जिसकी पोल गत दिनो हुई हल्की बरसात ने खेाल कर रख दी है। जो नहर पूरी तरह से जगह-जगह से टॅूट कर फट गई है।जिसमे अभी तो पानी भी नही छोडा गया है। ऐसा विकास कार्य रसूखदारो व जनप्रतिनिधीयो की मिली भगत के खेल को उजागर करता नजर आ रहा है। उसके बाद भी स्थानिय जनप्रतिनिधी आखें बंद कर सब कुछ देखने सुनने को मजबूर है। कामां सिचाई विभाग की मिलीभगत से पहाडी वितरकी की माइनर नहर जो भौरी से भोजाका जा रही है। जिस कच्ची नहर का पक्का निमार्ण - दो तीन माह पूर्व पक्का निर्माण सिचाई के नेतृत्व मे कराया गया। जिसमे घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया गया। जो नहर पूरी तरह से फट गई है। नहर मे घटिया गिटटी सीमेन्ट का उपयो गया। निमार्ण से पूर्व नहर की मिटटी को दबाने के लिए कम्पेटर तक का उपयोग नही किया गया है। जिसके कारण तीन माह में नहर पूरी तरह से ढह का बह गई है।
हयूमन राइटस जस्टिस एसोसिएशन के राट्रीय अध्यक्ष वसीम अकरम का आरोप है की कामां विधानसभा मे विकास का ढिढोरा पीटने वाले जनप्रतिनिधीयो की मिली भगत के कारण नहर मे घटिया निमार्ण सामग्री का उपयोग किया गया। जिसका परिणाम यह हुआ है नहर एक हल्की बरसात को नही झेल पाई है जो पूरी तरह से घ्वस्त हो गई है। यह सब मिलीभगत के कारण भ्रष्टाचार हो रहा है।
सामाजिक कार्यकर्ता विजय मिश्रा का कहना है की काग्रेस सरकार के चुने नुमाईदो को आमजन की समस्याओ से कोई लेना देना नही है उन्हे विकास के नाम पर सरकार की करोडो की योजनाओ मे शामिल सरकारी कर्मचारी के माध्यम से धन बटोरना रह गया है जिसका प्रमाण नहर निर्माण हो या फिर पेशन, पी.एम.वाई घोटाला जो जगजाहिर है।
वर्जन – बरसात होने से मिटटी अन्दर घुस गई। जिसके कारण माइनर टूट गई। माइनर जब बनती है उसमे प्लास्टीक की पन्नी लगाई जाती है वही कार्य नही किया गया।जानकारी होते ही ठेकेदार को पुन: निर्माण करने को कह दिया है। -चंन्द्र प्रकाश कनिष्ठ अभियंता