सीता हरण का मंचन देख दर्शक हुए भावुक:रामलीला का मंचन देखने उमड़ी भीड़
उदयपुर(राजस्थान/मुकेश मेनारिया)
उदयपुर जिले के वल्लभनगर उपखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत बाठरडा कला में जय बजरंग धर्म प्रचारक रामायण काशी प्रयागराज उत्तर प्रदेश के द्वारा रामलीला का आयोजन किया जा रहा है। शनिवार को सीता स्वयंवर, धनुष खंडन, सीता विवाह, एवं अन्य झांकियां का प्रदर्शन किया गया। रविवार की रात को रामलीला के कलाकारों के द्वारा सीता हरण का मंचन किया गया। सीता हरण व बालि वध का आकर्षक मंचन कर कलाकारों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। सोने का मृग देख सीता जी ने उसे पाने की जिद की। भगवान राम ने मृग का पीछा किया और भगवान राम को माया रूपी मृग काफी दूर जंगलों की ओर ले गया। हाय राम-हाय राम की गुहार सुन सीता जी व्याकुल हो गईं। कहा कि मेरे राम संकट में हैं। उनकी मदद के लिए लक्ष्मण को भेजा। जाते समय उन्होंने कुटीया के चारो ओर धनुष से रेखा खींच दी और मां सीता से उसके पार न जाने को कहा। लक्ष्मण के जाते ही रावण ब्राह्मण वेश में पहुंचा और भिक्षा के बहाने उनका हरण कर लिया। राम व लक्ष्मण सीता की खोज में वन-वन भटकते व विलाप करते किष्किंधा पर्वत पहुंचे। यहां उनकी मित्रता सुग्रीव से होती है।
कार्यक्रम को लेकर श्री राम नवयुवक मंडल के कार्यकर्ताओं ने बताया कि 6 अप्रैल हनुमान जन्मोत्सव पर रामलीला का समापन होगा और जन्मोत्सव पर भव्य शोभा यात्रा का आयोजन किया जाएगा।