20 वर्ष से पानी की बूंद बूंद के लिए तरस रहे बंजारा बस्ती के लोग ग्राम पंचायत रामबास नहीं दिला पाई अभी तक पानी
ग्राम रामबास के वार्ड नंबर 5 स्थित बंजारा बस्ती के परिवारों को 20 वर्ष पूर्व यहां पर बसाया गया था जिसको लेकर आज तक ग्राम पंचायत रामबास वहां पर पानी की व्यवस्था तक नहीं कर पाई है इसके अलावा पंचायत में वहां पट्टे व इंदिरा आवास के मकान तक तो बनवा दिए लेकिन आने जाने के लिए रास्ता तक नहीं दे पाई है दबंग लोगों ने रास्ते पर अतिक्रमण तक कर डाला
गोविन्दगढ़ ,अलवर (अमित खेडापति ) ग्राम पंचायत के वार्ड नंबर 5 स्थित घुसवाली में सन 2002 में 18 बंजारा परिवारों को पट्टे जारी कर रहने के स्थान दिए गए जहां पर इंदिरा आवास के जरिए उन्हें मकान भी स्वीकृत किए गए। लेकिन सरकार इन परिवारों को वहां बसा कर उनका दायित्व निर्वहन करना भूल गई जिसका खामियाजा वहां का निर्वाह करने वाले परिवार वहन कर रहे हैं जिन्हें ना तो वहां आने-जाने का रास्ता आज तक मिल पाया है और ना ही पीने योग्य पानी वहां उपलब्ध हो पाया है
यहां यह कहना गलत नहीं होगा कि सरकार चाहे कांग्रेस की रही हो या फिर भाजपा की इन परिवारों को किसी भी सरकार में कोई फायदा नहीं मिल पाया है बस मकान बना देने से लोगों को सुविधाएं नहीं मिल जाती लोगों को मकान तक जाने के लिए रास्ता और पेयजल उपलब्ध नहीं होने से वहां रहना संभव नहीं हो सकता
सरकार के द्वारा जिस प्रकार वहां पर इंदिरा आवास और पट्टे जारी कर गरीब लोगों को आवास प्रदान करने की मुहिम तो उठाई गई लेकिन वहां मूलभूत सुविधाओं को प्रदान करना भूल गई यही हाल तब हुआ जब उन परिवारों ने उच्च अधिकारियों से अपनी व्यथा को बताया लेकिन उनके द्वारा भी 20 वर्ष बीत जाने के बाद भी वहां पर पानी सड़क और लाइट की सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हो पाई हैं वहां पर तो ऐसा लगता है कि जैसे भारत आज भी 50 वर्ष पूर्व की स्थिति में जिंदगी जी रहा हो क्योंकि जब शाम को जब हर घर में लाइट जलती हुई नजर आती है तो यहां पर वही दीपक जलते हुए नजर आते हैं जिससे यह लगता ही नहीं कि यह 21वीं सदी का भारत है जहां पर जाने के लिए रास्ता नहीं पीने के लिए पानी नहीं और जलाने के लिए लाइट नहीं ।
विधायक साफिया जुबेर खान ओर सांसद महंत बालकनाथ के द्वारा कई कार्यक्रमों में JJM योजना के तहत हर परिवार को पानी उपलब्ध कराने की बात तो की जा रही है लेकिन प्रशासन और ग्रामपंचायत के लोग इन सब बातों को अमलीजामा पहनाने में विफल रहे हैं क्योंकि जहां पर प्रधानमंत्री आवास और पूर्व में इंदिरा आवास बनवाए गए हो उन्हें रास्ता एवं पानी बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं प्रदान करवाना भी ग्राम पंचायत का दायित्व होता है लेकिन ग्राम पंचायत रामबास यह दायित्व निर्वहन करना भूल गई है और गरीब लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है जहां इस तपती गर्मी में वह बेहाल अवस्था में जिंदगी को जी रहे हैं कई परिवार तो मकानों के ताला लगाकर वहां से जा चुके हैं और बाहर बेघर होकर अपनी जिंदगी जी रहे हैं