सैनिक को शहीद का दर्जा ना देने को लेकर हुआ बवाल: 3 सरकारी गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी
चौरीचौरा (गोरखपुर, उत्तर प्रदेश/ शशि जायसवाल) गोरखपुर के 30 वर्षीय सैनिक धनंजय यादव जो सेना में शिक्षक हवलदार के पद (आर्मी कोर हेड क्वार्टर 112 माउंटेन ब्रिगेड यूनिट 4/5 जीआर सिक्कम एचआरडीसी छातान) पर कार्यरत थे उनकी सिक्किम में संदिग्ध हालत में मौत हो गई इसके बाद शुक्रवार को सैनिक का शव उसके गांव पहुंचा जहां सैकड़ों लोगों की भीड़ उमड़ गई,
बताया जा रहा है कि सैनिक के पार्थिव शरीर के साथ बटालियन का कोई भी मौजूद नहीं था वही बटालियन से घर वालों के पास फोन आया कि धनंजय को शहीद का सम्मान नहीं मिला है इसके बाद परिजनों में ग्रामीणों का गुस्सा भड़क गया लोगों ने सैनिक को शहीद का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया, नाराज लोगों ने सैनिक के पार्थिव शरीर को गोरखपुर देवरिया मार्ग पर रखकर रोड जाम कर शासन प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी, लोगों ने मांग की कि सैनिक को शहीद का दर्जा देकर उसकी छोटी बहन को नौकरी दी जाए, साथी शोकाकुल परिवार को 5000000 की आर्थिक मदद देने की बात कही।
इससे करीब 1 घंटे तक रेलवे ट्रैक भी बाधित रहा कर्मचारियों के समझाने के बाद रेलवे ट्रैक से जाम हटा लिया गया लेकिन सड़क मार्ग 5 घंटे तक जाम रहा, ग्रामीणों के नहीं मानने पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया जिसे ग्रामीण भड़क कर पथराव करने लगे नाराज लोगों उपद्रव से स्थिति इतनी खराब हो गई कि वहां से अधिकारियों को भागना पड़ा, हालात बेकाबू होने के बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे
परिवार के लोगों का कहना है कि सैनिक के 3 दिन पहले गायब होने की सूचना 22 मार्च को देर रात दी गई थी जिसमें कहा गया था कि उसकी मौत हो गई है, साथी बताया गया है कि मृतक सैनिक धनंजय यादव की शादी भी तय हो गई थी, सैनिक की मौत के बाद परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है वही सैनिक के पिता रामनाथ यादव ने आशंका जाहिर की है कि उसके बेटे को नशीला पदार्थ खिलाकर वह गला दबाकर हत्या की है उन्होंने निष्पक्ष जांच कराने व दोषियों के खिलाफ कार्यवाही कराने की मांग की है
परिजनों के मान जाने के बाद भी हुआ आखिर क्यों हुआ उपद्रव, कहीं कोई साजिश तो नहीं
सैनिक धनंजय यादव की मौत के बाद पूरे दिन रात चोरी चोरा क्षेत्र में हालात गंभीर बने रहे गोरखपुर में उपद्रव करने की अराजक तत्वों की कोई साजिश तो नहीं थी, क्योंकि प्रशासन के समझाने के बाद रात 8:00 बजे जब डीएम की ओर से लिखित आश्वासन दे दिया गया और परिजन शव ले जाने के लिए मान गए तो उसके बाद भी इतना बड़ा तांडव क्यों हुआ कहीं कोई बड़ी साजिश तो नहीं जिसमें पुलिस की तीन गाड़ियों सहित लगभग 10 वाहन तोड़ दिए गए मोटरसाइकिल को जला दिया गया जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए
वहीं दूसरी ओर यह भी चर्चा की जा रही है सीएम योगी आदित्यनाथ के दूसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण के दौरान उनके गृह क्षेत्र में उपद्रव मचा कर ग्रहण लगाने की साजिश तो नहीं की गई थी ताकि उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो सके पुलिस इन सवालों के जवाब तलाशने में जुट गई है पुलिस प्रशासन ने इस मामले की जांच आगे बढ़ा दी है वही माहौल को खराब करने व उपद्रव मचाने वाले अराजक तत्वों की सीसीटीवी फुटेज और वीडियो रिकॉर्डिंग के माध्यम से पहचान की जा रही है
घटना के बाद से चोरीचोरा व जवान के गांव मे पुलिस फोर्स तैनात रही, शनिवार की सुबह डीएम विजय किरण आनंद प्रभारी एसएसपी व एसपी सिटी व अन्य अधिकारियों ने गांव में पहुंचकर पुलिस प्रशासन की भारी सुरक्षा के बीच अपने स्तर से सैनिक को सम्मान दिला कर अंतिम संस्कार करवाया इस दौरान सेना के कुछ जवान मौके पर मौजूद रहे, मौके पर मौजूद सैकड़ों लोगों ने वंदे मातरम व धनंजय यादव तुम अमर रहो के नारे लगाए