आस्था मे चल रही भागवत कथा के दूसरे दिन हजारों की संख्या में उमड़े भक्त: भागवत सुनने से ज्ञान का खुल जाता है मार्ग- शास्त्री
मेहंदीपुर बालाजी (राजस्थान/ अवधेश अवस्थी) आस्थाधाम मेहंदीपुर बालाजी में हो रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन सोमवार को भागवताचार्य मृदुल कृष्ण शास्त्री ने उपस्थित श्रोताओं को भगवान की महिमा सुनाई। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराम के स्वरूप व जीवन का वर्णन किया।शुरुआत में सिद्धपीठ बालाजी मंदिर ट्रस्ट के महंत नरेशपुरी महाराज की ओर से भागवत पोथी और भागवताचार्य की मंत्रोच्चार के साथ सामूहिक पूजा अर्चना की। साथ ही महंत महाराज ने भागवत कथा स्थल के परिक्रमा भी लगाई।इस अवसर पर भागवत को सुनने के लिए हजारों की संख्या में महिला पुरुष श्रद्धालु लोग पांडाल में पहुंचे। जहां भागवत आचार्य मृदुल कृष्ण महाराज द्वारा भागवत कथा का वर्णन करने से पहले "श्री राधे गोपाल भज मन श्री राधे" भजन का संगीतमय गायन किया गया। इसके बाद उन्होंने भागवत कथा का महत्व बताते हुए कहा कि भागवत में दो तरह की कथा है। पहली ध्वंधकारी के उत्थान की ओर दूसरी भक्ति भाव की। साथ ही कहा कि भागवत का श्रवण करने से व्यक्ति के ज्ञान का मार्ग खुल जाता है। इस दौरान उन्होंने हनुमान के चरित्र का वर्णन किया। इस पर कहा कि भगवान राम की उपासना करते हुए हनुमान प्रभु का संकीर्तन भी करते है। वहीं बताया कि जब हनुमान जी को प्रभु श्रीराम के दर्शन हुए, उस वक्त हनुमानजी उनकी भक्ति में लीन थे। उन्होंने बताया कि भगवान का दर्शन ही उनका प्रसाद है।भगवान की भक्ति करते समय किसी भी प्रकार का दुख या ग्लानी का भाव व्यक्ति के मन में नहीं होना चाहिए। कथा के दौरान कथावाचक द्वारा गाए गए भजनों से कथा में मौजूद महिलाएं झूमने को मजबूर हो गई। भागवत कथा में बाबा भोलेनाथ की विशेष झांकी और नृत्य का भी महिलाओं एवं पुरुषों ने आंनद उठाया।वहीं देर शाम बालाजी मंदिर ट्रस्ट द्वारा की जा रही भजन संध्या में संजू शर्मा कोलकत्ता ने संगीतमय भजनों की प्रस्तुति दी। जिसे सुनकर श्रोता झूम उठे।
महंत महाराज ने अतिथियों का किया सम्मान
कथा कर दूसरे दिन श्रीमद्भागवत कथा में आए हुए अतिथियों का महंत नरेशपुरी महाराज द्वारा शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया। इस अवसर पर सोमवार को त्रिवेणी धाम श्रीराम रिछपाल दास देवाचार्य महाराज, सरस निकुंज श्री अलबेली माधुरी शरण जी, महामण्डलेश्वर मनोहर दास महाराज, महामंडलेश्वर सियाराम दास, अमीत पाराशर ताड़केश्वर, परकोटा गणेश मन्दिर, अमीत शर्मा, अवधेश दास, अयोध्या दास, ओम जी कोतवाल, धर्म प्रचारक विजय शंकर पाण्डेय सहित कई धर्मगुरु श्रीमद्भागवत कथा में शामिल हुए।