केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमितशाह ने ईफको द्वारा निर्मित हो नैनो डीएपी राष्ट्र को किया समर्पित
रामगढ (अलवर, राजस्थान/ राधेश्याम गेरा) नैनो डीएपी राष्ट्र को समर्पित करते हुए अमितशाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच और इच्छा आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर कृषि और किसान की सोच को ध्यान में रखकर ईफको द्वारा बनाई गई नैनो डीएपी से किसानों की लागत में कमी आएगी। और नैनो डीएपी का उपयोग कर भारत का किसान अधिक उत्पादन लेने से समृद्ध बनेगा। ईफको डीएपी की बोतल 600 रु में किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी जबकी इसके बराबर की छमता का एक कट्टा डीएपी 1350 रू में किसानों को मिल रहा था जिसके लिए किसानों को लम्बी लम्बी लाइनों में लगने के बाद परिवहन साधनों के माध्यम से खेतों तक लेजाना पडता था। नैनों डीएपी उर्वरक पौधे की उत्पादकता बढाने में सक्षम है।
यह उर्वरक की जैविक रुप से सुरक्षित है। और खेत की मृदा शक्ति को बनाए रखने के साथ साथ जल एवं वायु प्रदूषण को रोकती है। नैनों डीएपी के बन जाने से विदेशों से डीएपी आयात नहीं करने से देश का विदेशी मुद्रा भंडार सुरक्षित रहेगा। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमितशाह द्वारा 26 अप्रैल को नैनों डीएपी का लोकार्पण किया गया। इसका लाइव प्रसारण देश के विभिन्न हिस्सों में बैठे किसानों सहकारी समितियों के माध्यम से देखा।
अलवर में कार्यरत ईफको के वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक डाक्टर गोपेश शर्मा ने बताया कि ईफको द्वारा नैनों डीएपी के उत्पादन के लिए गुजरात में कलोल, कांडला और उडीसा के पारादीप में विनिर्माण इकाइयां स्थापित की है। कलोल में उत्पादन पहले ही शुरु हो चुका है। ईफको द्वारा इस वर्ष 5 लाख बोतलों का निर्माण किया जाएगा। जो कि 25 लाख टन डीएपी के बराबर है। वर्ष 2025-26 तक तीनों संयत्र शुरू कर दिए जाने के बाद 18 करोड़ बोतलों का उत्पादन किया जाएगा। ईफको को भारत में नैनों डीएपी उत्पादन के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा उर्वरक नियंत्रण आदेश के तहत 2 मार्च 2023 को अधिसूचित कर तरल उत्पादन के लिए राजपत्र अधिसूचना जारी की गई। यह जैविक रुप से सुरक्षित एवं पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ अवशेष मुक्त हरित कृषि के लिए उपयुक्त है। इस वर्ष हमारे द्वारा ईफको की तरफ से जिले के चुनिंदा किसानों को नैनों डीएपी का फसलों पर निशुल्क स्प्रे कराया जाएगा और स्प्रेर भी दिया जाएगा।
अमितशाह ने कहा कि सफल सहकारी समितियां अपने ढांचे से बाहर निकलते हुए अनुसंधान और नए नए क्षेत्रों में पदार्पण की दृष्टि से इफको आज भी सभी सहकारी समितियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है। नैनों डीएपी आत्मनिर्भर भारत के लिए अच्छी शुरुआत है। अभी तक करोडों कैमिकल युक्त भूमि भारतीयों के लिए खतरा बनी हुई है। देश में फर्टीरलाईजर का कुल उत्पादन 384 लाख टन हुआ जिसमें से सहकारी समितियों द्वारा 132 लाख टन किया गया जिसमें से 90 लाख टन फर्टीरलाईजर का उत्पादन अकेले ईफको द्वारा किया गया। ईफको किसानों की बहतरी के लिए अत्याधुनिक तकनीकी और नवाचारों के प्रयोग लगातार कर रही है।