दृष्टी बाधित, मूक-बधिर बच्चो के लिए वरदान बना उत्कर्ष संस्थान गढ़ीसवाईराम
रैणी (अलवर, राजस्थान/ महेश चन्द मीना) अलवर के रैणी उपखण्ड क्षेत्र के गढ़ीसवाईराम कस्बे मे स्थित उत्कर्ष संस्थान क्षेत्र के मूक-बधिर, दृष्टीहीन बच्चो के लिए वरदान बना हुआ है। इतना ही नही उनकी सार सँभाल घर से भी ज्यादा अत्याधुनिक तौर तरीको से उनका जीवन कष्टो से रहित कर उन्हे समाज की मुख्यधारा मे जोड़ कर उन्हे काबिल बनाने की कोशिश की जा रही है।
लक्ष्मनगढ़ उपखण्ड़ के ग्राम झालाटाला मे जन्मे आर. सी. मीना को भारतीय अर्थ सेवा (1981) के रूप मे भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयो मे कार्य करने को मौका मिला जैसे कि निती आयोग , उर्जा मंत्रालय , भारतीय सडक़ मंत्रालय , खाद्ध मंत्रालय , बाल एवं विकाश मंत्रालय , पर्यावरण मंत्रालय , मानव विकास मंत्रालय , पर्यावरण मत्रालय , मानव विकास संसाधन मंत्रालय मे वरिष्ट आर्थिक सलाहकार के पद से रिटायर हुए है। सेवा काल के दौरान विभिन्न प्रोग्राम एवं मुल्याकंन करने का मौका मिला। इस दौरान यह महसूस हुआ कि भारत सरकार की नीतिया व प्रोग्राम बनाये जाते है वो राष्ट्रीय लेबल पर बनाये जाते है और खास तौर से दिव्यांग के कल्याण हेतु कार्यक्रम जमीनी लेवल पर क्रियान्वित नहीं हो पा रहे है। मन मे आया ईश्वर ने बहुत कुछ दिया , हमे भी कुछ सेवा के रूप मे लौटाना चाहिये
ग्रामीण परिवेश से आने पर मन मे आया अलवर क्षेत्र शिक्षा की दृष्टी से पिछड़ा था और और विशेष बच्चो की संख्या काफी मात्रा मे देखने को मिलि। इस परिस्थतियो को देख कर सभी अधिकारियो ने मिल कर तय किया की विशेष बच्चो की शिक्षा के लिए पायलट प्रोजेकट लांच कर सन् 2001 मे ह्युमन डवलपमेन्ट इन्सटीट्यूट मे आधार शिला (डाबला) राजगढ़ - अलवर की स्थापना की जिसका मुख्य उद्धेश्य विशेष बच्चो की शिक्षा एवं कौशल विकाश का था। इस पायलेट प्रोजेकट के अच्छे परीणाम सामने आये जिसमे अभी तक 12 बच्चे सर्विस मे चले गये तथा कुछ बच्चे आत्मनिर्भर अभियान के तहत रोजगार की और बढ़ रहे है। आधारशिला मे शिक्षा मे अपनाए गये मॉडल स्पेशन स्कूल, केन्द्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, राजस्थान सरकार की स्कूल सहित कौशल विकाश रहे है। वर्तमान मे चालीस बच्चे दृष्टी बाधित, मुकबधिरएवं मंद बुद्धी बच्चे अध्यनरत है।
सेरेब्रल पॉलिसीके बच्चो के लिए आधुनिक लैब सहित खोला उत्कर्ष
इसी दौरान सेरेब्रल पॉलिसी के बच्चो की संख्या भारी मात्रा मे नजर आयी इसी उद्वेश्य से गढ़ीसवाईराम मे उत्कर्ष संस्थान की 2009 मे स्थापना की गई। इसमे बच्चो का सर्वे असेसमैन्ट, अविभावको की ट्रैनिंग,विशेष बच्चो की फिजियो थैरेपी,ओकापेशन थैरेपी,स्पीच थेरेपी इत्यादि की व्यवस्था की गई। एक सौ पचास बच्चो का सर्वे किया गया है जिनको पुनर्वास के लिए विभिन्न प्रोग्रामो के जरिये ऑनलाईन प्रशिक्षणो का उपयोग करके ज्यादा से ज्यादा बच्चो को लाभान्वित किया जा रहा है। इस पुनर्वास कार्यक्रम मे विभिन्न संस्थानो जैसे एम्स, एसएमएस जयपुर, अलवर सरकारी अस्पताल आदि से नेट वर्किंग कर विशेष बच्चो का लाभ दिलाया जाता है उत्कर्ष संस्थान मे भी वर्तमान मे पन्द्रह बच्चे अध्यनरत है तथा फिजियोथैरेपी के लिए डा. स्वाति कड़ी मेहनत करती है।