कर्मों की निर्जरा के लिए धर्म के मार्ग पर चलो, संस्कारों का अनुसरण प्रतिदिन करों – आचार्य सौरभ सागर
लक्ष्मणगढ़ ,अलवर (कमलेश जैन)
आचार्य सौरभ सागर ने अपने आशीर्वचनों में कहा की – सरल और सफल जीवन प्रत्येक प्राणी का लक्ष्य है, इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रत्येक प्राणी को अपने कर्मों की निर्जरा प्रतिदिन करनी चाहिए और धर्म के मार्ग पर चलकर प्रतिदिन संस्कारों का अनुसरण करना चाहिए।
जयपुर में चतुर्मास प्रवास के दौरान उन्होंने कहा कि तभी सरल और सफल जीवन के लक्ष्य की प्राप्ति संभव है। परिश्रम तो सभी प्राणी करते है किंतु जो प्राणी परिश्रम को श्रद्धा के साथ अपने भावों में उतारते है वही प्राणी अपने लक्ष्यों की प्राप्ति कर पाते है। आज के दौर में प्राणी कर्मों की निर्जरा की प्रार्थना करने की बजाय मोह, माया में पहुंचने का लक्ष्य बनाता है जो व्यर्थ है। मोह, माया प्राणी को केवल अहंकारी और स्वार्थी बनने का लक्ष्य प्राप्त करवाता है। और धर्म व संस्कार प्राणी अजर-अमर होने के सुख की प्राप्ति करवाता है। प्रत्येक प्राणी को अगर जीवन में कोई लक्ष्य निर्धारित करना है तो केवल धर्म के मार्ग पर चलने और संस्कारों के अनुसरण करने का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए।