सोमवार से अगले क्रान्तिकारी कदमों के बारे में कदम उठायेंगे - ज्ञानदेव आहुजा
बानसूर (अलवर, राजस्थान) बानसूर के भूपसेड़ा गाॅव में ग्रामीण हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हुए हैं और परीजन शव लेने के लिए राजी नहीं हो रहे है। जिसके लिए लगतार तीन दिन से पंचायत हो रही है। बानसुर से लापता महीला के शव का मामला देश की संसद तक पहूॅच गया है। महिला का शव तीन दिन से अलवर के सामान्य चिकित्सालय की मोर्चरी में रखा हुआ है। महापंचायत में पुलिस जाप्ता मौजूद है और आला अधिकारी ग्रामीणों को बार बार समझाईस की कोशिस कर रहे हैं। लेकिन तीन दिन बाद भी कोई हल नहीं निकल पाया है। शुक्रवार को भूपसेड़ा महापंचायत में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष ज्ञानदेव आहूजा, पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा, प्रदेश मंत्री महेंद्र यादव, भाजपा जिलाध्यक्ष बलवान सिंह यादव पहुंचे और ग्रामीणों व परीजनो की पीड़ा सुनी। लेकिन पंचायत में कोई सहमति नही बन पाई। ग्रामीणों की मांग है कि जब तक महिला के हत्यारो की गिरफ्तारी नहीं होगी जब तक शव का पोस्टमार्टम व शव नही लिया जायेगा। गौरतलब है कि बानसूर के गांव भूपसेड़ा की रहने वाली 26 वर्ष की महिला 17 जनवरी को लापता हो गई थी। परीजनो ने अपरहण की शिकायत दी लेकिन पुलिस इसे गुमशुदी मानती रही। लेकिन 22 दिन बाद 8 फरवरी को महिला का शव 80 किलोमीटर दूर भरथरी के जंगलों में मिला। जिसके एक हाथ व एक पैर कटा हुआ पाया गया। महिला का शव देखकर हर किसी के होस उड़ गए। जिसको लेकर गांव भूपसेड़ा में ग्रामीणों की तीन दिन से पंचायत हो रही है। घटना को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।
- अलवर सांसद बालकनाथ ने कल संसद में उठाया बानसूर के गांव भूपसेड़ा का मुद्दा
अलवर सांसद बालकनाथ ने गुरुवार को अलवर के बानसूर के गांव भूपसेड़ा में लापता महिला के शव का मुद्दा संसद में उठाया। जिसमे सांसद ने कहा कि बानसूर के गांव भूपसेड़ा में लापता महिला का शव मिला है जिसका हाथ व पैर कटा हुआ है। लेकिन राजस्थान सरकार की पुलिस अभी तक मामले का खुलासा नहीं कर पाई है।
ज्ञानदेव आहुजा ने कहा कि जिस महिला को 25 दिन तक अपहरण करके रखा है। ऐसी मेरी मान्यता है कि जिस का अपहरण किया है उसको मां या बेटी बनाकर नहीं रखा गया है। उसके साथ दुस्कर्म भी हुआ होगा फिर हत्या हुई है। मै गांधीवादी और नेहरूवादी नहीं हूॅ। शान्ति व्यवस्था की बजाय क्रान्तिकारी स्वभाव है। सोमवार को फिर आयेंगे और अगले क्रान्तिकारी कदमों के बारे में कदम उठायेंगे। हजारों की संख्या में जनता है। ये उखडेंगे तो जिला में प्रशासन नहीं चलने पायेगा और ना चलने देंगे। हम जनता को परेशान नहीं करेंगे। इनके आॅफिसों में ताले लगेंगे। पुलिस डण्डे, गोली और जेल से मुझे डर नहीं लगता है। नामजद रिपार्ट दर्ज होने के बाद भी प्रशासन गिरफ्तार नहीं करता है तो गलत है।