मन और शरीर के बीच सामंजस्य स्थापित करता है योग: डॉ.कुमावत
उदयपुरवाटी /सुमेर सिंह राव
उदयपुरवाटी उपखंड में हाल ही में नियुक्त हुए सभी योग प्रशिक्षक अपनी अपनी योग्यता के बल पर कस्बे की विद्यालयों में जाकर विद्यार्थियों को योगाभ्यास करवा रहें हैं जिसके तहत ही आज श्रीमती मोहरीबाई श्याम शेखावाटी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में करीब हजार बच्चो को एक साथ स्कूल के खेल मैदान में योगाभ्यास करके दिखाया और नियमित योग करने से मिलने वाले फायदों के बारे में बताया।योग आसन,वक्रासन,अनुलोम विलोम, ताड़ासन,भुजंगासन,पवनमुक्तासन, भ्रामरी सहित कई उपयोगी आसन करके बताए जिसको प्रफुल्लित मन से योगास्थल पर सभी छात्र छात्राएं एवम् शिक्षक जनों ने देखा और साथ में योगाभ्यास भी किया।नित्य योग प्रशिक्षक हर नए स्थान पर जाकर यह प्रचारित करते हुए नजर आ रहे हैं की "रोज करेंगे योग तो जिंदगी भर रहेंगे बिना कोई रोग"
इस मुहिम को घर घर पहुंचाने के लिए आयुष मंत्रालय ने हाल ही में आयुर्वेद विभाग में कई जगहों पर आयुर्वेद हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्थापित कर स्वास्थ्य उत्प्रेरक का काम किया है,तथा आयुष विभाग की समग्र चिकित्सा का लाभ आम जन को मिले इसके लिए ब्लॉक आयुष चिकित्सालय भी खोले गए हैं। आयुर्वेद हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर अधुना कई जांच,नियमित योगाभ्यास, प्रकृति परीक्षण,डाटा बेस तैयार कर बीमारियों की समुचित जानकारी रखने का प्रावधान किया गया है और इन सब में प्रथम उद्देश्य सेहत को बनाए रखने में योग की महती भूमिका माना है। उपखंड के अतिरिक्त जिले भर के कई औषधालयों को आयुर्वेद हेल्थ वेलनेस सेंटर में तब्दील कर वहां पर योग प्रशिक्षक लगाएं हैं जिनमें एक महिला योग प्रशिक्षक व एक पुरुष योग प्रशिक्षक के पद पर लगाए गए हैं आयुष मंत्रालय की ओर से सृजित यह पद आयुर्वेद के उत्थान व घर घर आयुर्वेद पहुंचाने की दृष्टि से मील का पत्थर साबित होगा बशर्ते नियमित रूप से इसको किया जाए और मिलने वाले फायदों के बारे में बताया जाए। उपरोक्त विषय की जानकारी देते हुए ब्लॉक नोडल अधिकारी डॉ.राजेंद्र कुमावत ने बताया की आयुर्वेद की माने और बताये गए निर्देशों में चले तो हम निश्चित ही स्वस्थ जीवन जी सकते हैं और जीवन में योग को अपनाकर बीमारियों से दूर रह सकते हैं।आयुर्वेद की विधा योग है और योग तन मन में नई ऊर्जा और उमंग का संचार करता है तथा हमें शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ जीवन जीने के लिए कुछ नया सलीका सीखाता है।इसके करने से फेफड़ों की सफाई होती है,हृदय को ताकत और मजबूती मिलती है।योग से श्वसन क्रिया सुचारू होती है और वाणी में सुधार होता है अर्थात कंठ में एक माधुरियता सी घुलती है।आपको बता दे जो रोज योग करते हैं वे रोगों से भी बचे रहते हैं,सच माने तो आज की आपाधापी के इस युग में मानसिक तनाव से बचे रहने के लिए भी योग मददगार है।इसे अनिवार्य रूप से करते रहना चाहिए क्योंकि योग आंतरिक अंगों की एक्सरसाइज करने का एक तरीका जो है।इस के करते रहने से शरीर के वाइटल पार्ट की सही मजबूती बनी रहती है। इसके लिए नित्य योग प्राणायाम करना ही स्वस्थ जीवन जीने का लक्ष्य होना चाहिए।यह बात भी सही है की व्यक्ति की शारीरिक क्षमता, उसके मन व भावनाए तथा ऊर्जा के स्तर के अनुरूप योग कार्य करता है।इस पर गौर किया जाए तो आज सभी को योगाभ्यास से व्याधियों की रोकथाम,अच्छी देखभाल एवम् स्वास्थ्य लाभ मिलने का दृढ़ विश्वास कायम है।